2014 में भारी बहुमत से जीत हासिल करने वाली भाजपा के लिए सुषमा की यह घोषणा बहुत बड़ी क्षति थी। राजनीतिक विश्लेषकों ने भी स्वराज के सक्रिय राजनीति से खुद को अलग करने को पार्टी के लिए बड़ी क्षति माना था। भाजपा का प्रमुख चेहरा मानी जाने वाली सुषमा पार्टी में प्रमुख पदों पर आसन्न रही थीं।
दिल का दौरा पड़ने से सुषमा स्वराज का निधन, पीएम मोदी बोले- मेरे लिए निजी क्षति सुषमा स्वराज ने यह यह घोषणा मध्य प्रदेश के इंदौर में विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान की थी। 2019 का लोकसभा चुनाव न लड़ने के पीछे सुषमा स्वराज ( Sushma Swaraj ) ने अपने स्वास्थ्य को प्रमुख वजह बताया था।
मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से लोकसभा सांसद सुषमा स्वराज 2014 में लगातार दूसरी बार इस सीट से चुनाव जीती थीं। सुषमा स्वराज इस घोषणा के दौरान मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा के प्रचार में जुटी हुई थीं।
सात बार की सांसद और दिल्ली की पहली महिला सीएम रहीं थीं सुषमा स्वराज भाजपा की मुखर और वाकपटु नेता सुषमा स्वराज ( Sushma Swaraj ) को पार्टी में मजबूत पद मिलता रहा। उन्होंने हर मोर्चे पर न केवल खुद को साबित किया बल्कि तमाम मौकों पर दिए उनके बयान आज भी लोग नहीं भूलते हैं।