Coronavirus को कड़ी टक्कर देने की पूरी तैयारी, देश में एक नहीं 6 वैक्सीन की पहचान एक टेलीविजन चैनल द्वारा आयोजित सम्मेलन के दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कोरोना वायरस ( coronavirus s Outbreak ) को लेकर अपनी बात कहनी शुरू की। उन्होंने कहा कि पहले कहा जा रहा था कि लॉकडाउन से कोरोना वायरस ( COVID-19 Lockdown in India ) रुक जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ना चाहते हुए भी सरकार को आखिरकार ट्रेन चलानी पड़ी। सरकार ने लोगों को डराया और नतीजतन मजदूर ( Migrant Labourers ) डर के कारण घर की तरफ पैदल ही वापस चलने लगा। मजदूरों को लगा कि अगर ऐसे वक्त में मरना ही है तो घर पहुंचकर ही मरें। जब आपने राज्य की सीमाएं सील कर दी तब मजदूरों को पहाड़ों से चलकर जाना पड़ा।
कार्यकर्ता कर रहे काम कोरोना वायरस के दौरान हुए पलायन पर अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता 51 दिन से एक्सप्रेस-वे पर लोगों को खाना खिला रहे हैं और हम लगातार लोगों से संपर्क में हैं और उन्हें निर्देश दिए जा रहे हैं। स्वयं मैंने मजदूरों की तकलीफ देखी है।
समाजवादी पार्टी मुखिया ने कहा कि मेरठ-अलीगढ़ जैसे शहरों में पार्टी कार्यकर्ताओं पर खाना खिलाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। अब जब FIR दर्ज ही कर ली हैं तो सरकार उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है।
भारत में तेजी से बढ़ते COVID-19 मामलों के बीच आई बहुत अच्छी खबर सैफई-आजमगढ़ भूल गए योगी उन्होंने कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि जो अस्पताल समाजवादी सरकार ने बनाए थे, आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हीं अस्पताल में जा रहे हैं। आज प्रदेश में वही एंबुलेंस काम आ रही हैं जो समाजवादी पार्टी सरकार ने चलाई थीं। आपने सभी मेडिकल कॉलेजों में फूल बरसाए, लेकिन सैफई, आजमगढ़ के अस्पतालों को भूल गए।
प्रवासी मजदूरों का दर्द प्रवासी मजदूरों को लेकर सामने आ रहे तमाम मुद्दों पर अखिलेश यादव ने कहा कि अगर आपने ( भाजपा सरकार ) लॉकडाउन लागू किया था तो फिर मजदूरों के रुकने का इंतजाम क्यों नहीं किया। सरकार ने क्यों उन्हें ट्रेन या बस से उनके घर नहीं पहुंचाया? उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में 70 हजार बसें हैं। अगर सरकार चाहती तो कोई भी मजदूर अपने घर वापस पैदल नहीं जाता।
COVID-19 मरीजों पर भारी पड़ रहा इलाज का खर्च, अस्पतालों का बिल सुनकर माथा पकड़ लेंगे आप जिस वक्त सरकार राजस्थान के कोटा से बच्चों को निकाल रही थी, तब मजदूरों को क्यों नहीं निकाला गया। समाजवादी पार्टी सुप्रीमो ने कहा कि कभी-कभी उन्हें लगता है कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी का रास्ता एक जैसा है। उत्तर प्रदेश में समाजवादियों का लक्ष्य है कि भाजपा की सरकार हटे और नई सरकार बने।
चुनाव पर चर्चा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी रणनीति बताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में वह किसी भी राजनीतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि चुनाव के दौरान छोटे राजनीतिक दलों को साथ में जरूर लिया जाएगा। वहीं, विपक्षी बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के शामिल न होने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी अकेले काम कर रही है। समाजवादी पार्टी कांग्रेस और भाजपा से दूरियां बनाकर चल रही है।