प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार ने राज्यों से महामारी रोग अधिनियम के तहत म्यूकोर्मिकोसिस को महामारी घोषित करने के लिए कहा है। इसका मतलब है कि इसके इलाज के लिए पर्याप्त उत्पादन और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति और लागत मुक्त होनी चाहिए। उपचार की आवश्यकता वाले लोगों की रोगी देखभाल फ्री में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं समझती हूं कि लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी म्यूकोर्मिकोसिस के इलाज के लिए बिल्कुल आवश्यक है। हालांकि, बाजार में इसकी तीव्र कमी की खबरें हैं। इसके अलावा, बीमारी आयुष्मान भारत और अधिकांश अन्य स्वास्थ्य बीमा उत्पादों में शामिल नहीं है।
क्या भारत में आने वाला है कोरोना संक्रमण का इस इससे भी बुरा दौर? पढ़िए IMF की रिपोर्ट
उन्होंने प्रधानमंत्री से म्यूकोर्मिकोसिस से पीड़ित बड़ी संख्या में रोगियों को राहत पहुंचाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया। उनकी टिप्पणी उन रिपोटरें के बाद आई है कि कई मरीज इंजेक्शन की कमी के बारे में शिकायत कर रहे हैं। कई राज्यों ने पिछले कुछ दिनों में म्यूकोर्मिकोसिस को महामारी घोषित किया है।