राजनीति

तो जम्‍मू-कश्‍मीर में मोदी सरकार के फैसले से इसलिए वहां के लोग नहीं हुए नाराज!

jammu-Kashmir: केंद्र सरकार ने किसानों के खाते में जमा कराए 4-4 हजार रुपए
8 लाख परिवार को मिला इसका लाभ
लोगों ने पीएम मोदी में जताया भरोसा

Aug 09, 2019 / 03:21 pm

Dhirendra

नई दिल्‍ली। मोदी सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir) को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्‍छेद 370 पांच दिन पहले खत्‍म कर दिया था। उसके बाद दुनिया भर में यह चर्चा है कि कश्‍मीर घाटी में मोदी सरकार के इस फैसले को लोगों ने चुपचाप बर्दाश्‍त कैसे कर लिया।
इस बारे में कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों के नेताओं का आरोप है कि सेना के दम पर केंद्र सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों का हक छीनने का काम किया है। प्रदेश की किलेबंदी कर लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया। लेकिन इसके पीछे का सच अब उभरकर सामने आया है।

8 लाख किसानों के एकाउंट में डाला 4-4 हजार
दरअसल, जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में अनुच्‍छेद 370 में संशोधन के साथ ही मोदी सरकार ने करीब सवा करोड़ आबादी में से आठ लाख परिवारों के बैंक एकाउंट में चार-चार हजार रुपए भेज दिए हैं। यह पैसा अनुच्‍छेद 370 में संशोधन से पहले ही भेज दिया था।
बताया गया है कि प्रदेश के किसानों को बिना कर्ज के खेती-किसानी करने में सहयोग पहुंचाने के मसकद से पैसा भेजा गया। जल्द ही दो-दो हजार रुपए और भेजे जाएंगे। यह रकम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम ( pm-kisan samman nidhi scheme ) के तहत भेजी गई है।
लोगों ने मोदी में जताया भरोसा

मोदी मेइस मामले के जानकारों का कहना है कि अनुचछे 370 में संशोधन के बाद अब पैसा भेजने के काम और तेजी से होगा। ऐसा इसलिए कि वहां का शासन सीधे केंद्र से चल रहा है।
बताया जा रहा है कि पैस एकाउंट में पहुंचने से लोगों को लगने लगा कि केंद्र सरकार आगामी महीनों में जनता के हित में और कदम उठा सकती है। यही कारण है कि लोगों ने सरकार के फैसले का विरोध पहले की तरह नहीं किया।
हालांकि एक तबके का कहना है कि सेना और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता की वजह से लोग चाहते हुए सरकारी फैसले का विरोध नहीं कर पाए।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर की करीब 80 फीसदी जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। केसर और सेब की खेती तो सबसे ज्यादा मशहूर है। इसके अलावा चना, धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, दलहन, कपास, तंबाकू, गेहूं व जौ भी पैदा किया जाता है। यहां बड़े पैमाने पर फूलों की खेती होती।

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