राउत ने सामने आए घटनाक्रम में अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि हमने पहला कदम उठाया है .. और अब हर पक्ष के लिए स्वीकृत न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर सरकार बनाने के लिए उचित कदम उठाना उन पर निर्भर है।
हालांकि, विपक्षी एनसीपी ने फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोले हैं और स्पष्ट रूप से शिवसेना का समर्थन करने से फिलहाल दूरी बना रखा है।
वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि हमारे पास कोई जनादेश नहीं हैं। जिनके पास जनादेश है, उन्हें बनाना चाहिए। हमारा रुख कई बार स्पष्ट हो चुका है।
सरकार का गठन कोई आसान काम नहीं है, और कई मुद्दे तस्वीर में उभरते हैं। हमारा अब भी किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं हुआ है।
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सेना के उद्देश्य की ईमानदारी को जाहिर करते हुए, राउत ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के एकमात्र मंत्री, भारी उद्योग मंत्री अरविंद सावंत को अपना पद छोड़ने का निर्देश दे दिया है।
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राउत ने स्पष्ट रूप से यह कहे बिना कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन टूट गया है और कांग्रेस-एनसीपी से समर्थन मांगा गया है, सवालिया लहजे में कहा कि हाल के घटनाक्रमों और भारतीय जनता पार्टी द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयानों के मद्देनजर, यह स्पष्ट है कि वे हमें सत्ता से दूर रखना चाहते हैं।
तो फिर राजग के साथ बने रहने का क्या मतलब बनता है?
पटेल ने कहा कि अभी भी कोई चर्चा नहीं हुई है और एनसीपी सोमवार सुबह पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के साथ तेजी से बदलते परि²श्य के मद्देनजर सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करने के बाद इस मामले में निर्णय लेगी
। कांग्रेस नेताओं के द्वारा अपराह्न् में नई दिल्ली में पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के साथ एक बैठक में घटनाक्रम पर चर्चा करने की संभावना है।