सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के चलते बिहार विधानसभा चुनाव रद्द किए जाने की याचिका पर कही बड़ी बात दरअसल, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की। इसके मुताबिक बिहार में 28 अक्टूबर से विधानसभा चुनाव शुरू होंगे। तीन चरणों में होने वाले इन चुनावों के नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार विधानसभा की घोषणा के बाद शिवसेना के सांसद संजय राउत ने पूछा, “कोरोना वायरस महामारी अब खत्म हो गई है? क्या चुनाव के लिए स्थिति सही है?”
राउत ने आगे कहा कि संसद में पारित किए गए कृषि बिल का बिहार चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि प्रदेश में वोट जाति और धर्म के आधार पर डाले जाते हैं। इसके बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले का भी बिहार चुनाव में कोई फर्क पड़ेगा के सवाल पर राउत ने दावा किया कि वहां की सरकार के पास विकास या शासन से संबंधित कोई मुद्दा नहीं है।
जहां शिवसेना ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव कराने के कदम की आलोचना की, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया। भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “कोरोना वायरस के दौरान दुनिया में पहली बार कोई इतनी बड़ी कवायद की जानी है।”
फडणवीस ने कहा, “बिहार के लोगों को मोदी जी पर भरोसा है। नीतीश कुमार जी और सुशील मोदी जी की सरकार ने भी लोगों के लिए काम किया है। यह फिर से चुने जाएंगे।”
इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव ने भी बिहार विधानसभा चुनाव के पक्ष में बात करते हुए कहा, “हम चुनाव आयोग के निर्णय का स्वागत करते हैं। बिहार के लोग इस सरकार से छुटकारा पाना चाहते हैं। जनता दल (यूनाइटेड) चुनाव में मायने नहीं रखती है, हमारी लड़ाई भाजपा के खिलाफ है।”