सामना के संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि मोदी लगभग 15 वर्षो तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं और फिर पांच साल से अधिक समय तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। लेकिन अहमदाबाद में मलिन बस्तियों की गरीबी और दुर्दशा को छिपाने के लिए जहां से ट्रंप गुजरेंगे उस मार्ग पर एक विशाल दीवार का निर्माण किया जा रहा है।
सामना के संपादकीय में कहा गया है कि अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ट्रंप उस शहर में मुश्किल से तीन घंटे बिताएंगे। पहली बार किसी अमरीकी राष्ट्रपति की गुजरात यात्रा होगी और राज्य सरकार इसे यादगार बनाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी की जा रही है।
सामना में कहा गया है कि अहमदाबाद की 17 से अधिक सड़कों को चमकाया जा रहा है। हवाई अड्डे के बाहर की सड़क को फिर से बनाया जा रहा है, अमरीकी बादशाह के लिए कुछ नई सड़कों की मरम्मत की जा रही है। लेकिन सबसे मजेदार यह है कि शहर में अमरीकी राष्ट्रपति के मार्ग पर पड़ने वाली झुग्गियों को छिपाने के लिए एक दीवार खड़ी की जा रही है।
शिवसेना ने आरोप लगाया है कि अतीत में कांग्रेस का गरीबी हटाओ का नारा बड़ा हास्यास्पद था और अब यह गरीबी छुपाओ नीति में तब्दील हो गया है। इससे केंद्र क्या संदेश दे रहा है? क्या इसके लिए सरकार के पास कोई बजटीय प्रावधान हैं? या ट्रंप अब पूरे भारत में ऐसी दीवारें बनाने के लिए सहायता की पेशकश करेंगे? शिवसेना ने इसे गुलाम मानसिकता करार देते हुए भाजपा की कड़ी आलोचना की।