बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों में शत्रुघ्न सिन्हा की टीएमसी के साथ नजदीकियां बढ़ी हैं। यही नहीं 21 जुलाई टीएमसी के शहादत दिवस के मौके पर वे पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं।
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जब शत्रुघ्न सिन्हा से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की बात पूछी गई तो उन्होंने इसका सीधा जवाब तो नहीं दिया। लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि, ‘राजनीति में संभावनाएं बनी रहती हैं।’ हालांकि उनके करीबी सूत्रों का कहना है शत्रुघ्न सिन्हा के TMC में जाने की पटकथा लिखी जा चुकी है।
जब शत्रुघ्न सिन्हा से तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की बात पूछी गई तो उन्होंने इसका सीधा जवाब तो नहीं दिया। लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि, ‘राजनीति में संभावनाएं बनी रहती हैं।’ हालांकि उनके करीबी सूत्रों का कहना है शत्रुघ्न सिन्हा के TMC में जाने की पटकथा लिखी जा चुकी है।
राज्यसभा भेजने की तैयारी
माना जा रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए एक बड़ी डील भी हो चुकी है। ममता शॉटगन को राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रही है। वे टीएमसी का दामन थामते हैं तो जल्दी उनकी राज्यसभा में एंट्री भी तय है। हालांकि अबतक इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टी दोनों ओर ( टीएमसी और सिन्हा ) से नहीं हुई है।
माना जा रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए एक बड़ी डील भी हो चुकी है। ममता शॉटगन को राज्यसभा भेजने की तैयारी कर रही है। वे टीएमसी का दामन थामते हैं तो जल्दी उनकी राज्यसभा में एंट्री भी तय है। हालांकि अबतक इसको लेकर कोई आधिकारिक पुष्टी दोनों ओर ( टीएमसी और सिन्हा ) से नहीं हुई है।
यशवंत सिन्हा के जुड़ने का असर
दरअसल राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर हैं कि जब से यशवंत सिन्हा ने टीएमसी का दामन थामा है तब से ही शत्रुघ्न सिन्हा के भी तृणमूल से नजदीकियों का सिलसिला शुरू हो गया था। बता दें कि यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा लगातार भाजपा में रहते हुए भी मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे थे।
दरअसल राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर हैं कि जब से यशवंत सिन्हा ने टीएमसी का दामन थामा है तब से ही शत्रुघ्न सिन्हा के भी तृणमूल से नजदीकियों का सिलसिला शुरू हो गया था। बता दें कि यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा लगातार भाजपा में रहते हुए भी मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे थे।
दोनों ही बंगाल में ममता की ओर से विपक्षियों की बुलाई एक मीटिंग में एक मंच पर दिखाई भी दिए थे।
टीएमसी नेताओं के मुताबिक शत्रुघ्न सिन्हा के हमेशा ममता बनर्जी के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। सिन्हा 21 जुलाई को शहीद दिवस समारोह में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
टीएमसी नेताओं के मुताबिक शत्रुघ्न सिन्हा के हमेशा ममता बनर्जी के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। सिन्हा 21 जुलाई को शहीद दिवस समारोह में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
ममता की जमकर तारीफ
शॉटगन लगातार ममता की तारीफ करते नजर आए हैं। हाल में पश्चिम बंगाल के चुनाव में जीत के बाद ममता बनर्जी की जमकर तारीफ की थी। सिन्हा ने कहा था, ‘असली रॉयल बंगाल टाइगर’ और ‘एक आजमाया हुआ और परखा हुआ नेता, जिसने हाल ही में संपन्न बंगाल चुनावों में प्रचार और ‘धनशक्ति’ को रौंद डाला।’
शॉटगन लगातार ममता की तारीफ करते नजर आए हैं। हाल में पश्चिम बंगाल के चुनाव में जीत के बाद ममता बनर्जी की जमकर तारीफ की थी। सिन्हा ने कहा था, ‘असली रॉयल बंगाल टाइगर’ और ‘एक आजमाया हुआ और परखा हुआ नेता, जिसने हाल ही में संपन्न बंगाल चुनावों में प्रचार और ‘धनशक्ति’ को रौंद डाला।’
बीजेपी में भी वापसी के कयास
शत्रुघ्न सिन्हा का एक तरफ टीएमसी में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन हाल में उनके बीजेपी में वापसी के भी कयास लगाए जा रहे थे। दरअसल जिस अंदाज में शत्रुघ्न सिन्हा ने नरेंद्र मोदी के समर्थन में एक ट्वीट किया था, उससे उनके बीजेपी में वापसी की अटकलें तेज हो गईं थी। हालांकि बाद में सिन्हा ने इसको लेकर सफाई भी दी थी और कहा था कि तारीफ को अन्यथा न लिया जाए।
शत्रुघ्न सिन्हा का एक तरफ टीएमसी में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन हाल में उनके बीजेपी में वापसी के भी कयास लगाए जा रहे थे। दरअसल जिस अंदाज में शत्रुघ्न सिन्हा ने नरेंद्र मोदी के समर्थन में एक ट्वीट किया था, उससे उनके बीजेपी में वापसी की अटकलें तेज हो गईं थी। हालांकि बाद में सिन्हा ने इसको लेकर सफाई भी दी थी और कहा था कि तारीफ को अन्यथा न लिया जाए।
कांग्रेस से नहीं मिली बड़ी जिम्मेदारी
शत्रुघ्न सिन्हा ने 2019 में बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। बीजेपी की टिकट से वे दो बार पटना साहिब से चुनाव जीतकर सांसद बने थे, लेकिन 2019 में कांग्रेस की टिकट पर लड़े तो बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने उन्हें हरा दिया था। कांग्रेस ने भी अब तक सिन्हा को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है।
शत्रुघ्न सिन्हा ने 2019 में बीजेपी का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। बीजेपी की टिकट से वे दो बार पटना साहिब से चुनाव जीतकर सांसद बने थे, लेकिन 2019 में कांग्रेस की टिकट पर लड़े तो बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने उन्हें हरा दिया था। कांग्रेस ने भी अब तक सिन्हा को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है।
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ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी के फायर ब्रांड मोदी को मात दे चुकी हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें काफी मशक्कत करना पड़ी। इस जीत के साथ ही ममता बनर्जी को 2024 में होने वाले आम चुनाव में मोदी के खिलाफ बड़े चेहरे के रूप में देखा जाने लगा है, यही वजह है कि मोदी से निपटने के लिए ममता ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं।
ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी के फायर ब्रांड मोदी को मात दे चुकी हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें काफी मशक्कत करना पड़ी। इस जीत के साथ ही ममता बनर्जी को 2024 में होने वाले आम चुनाव में मोदी के खिलाफ बड़े चेहरे के रूप में देखा जाने लगा है, यही वजह है कि मोदी से निपटने के लिए ममता ने अपनी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं।
इसके लिए ममता ऐसे बड़े चेहरों को भी पार्टी में शामिल कर रही है, जो मोदी की विचारधारा से सहमत नहीं हैं। यशवंत सिन्हा इसी कड़ी का हिस्सा थे। संभव है जल्द ही शत्रुघ्न सिन्हा भी इसका हिस्सा होंगे।
बिहार पर भी नजर
ममता बिहारी बाबू के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी में शामिल कर ये बड़ा संदेश भी दे सकती है कि वे बिहार के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर रही हैं। ये ना सिर्फ बीजेपी बल्कि उनकी सहयोगी जेडीयू के लिए भी चिंता बढ़ाने वाली खबर हो सकती है।
ममता बिहारी बाबू के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी में शामिल कर ये बड़ा संदेश भी दे सकती है कि वे बिहार के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर रही हैं। ये ना सिर्फ बीजेपी बल्कि उनकी सहयोगी जेडीयू के लिए भी चिंता बढ़ाने वाली खबर हो सकती है।