वहीं, पार्टी में बगावत के बाद NCP शरद गुट के अध्यक्ष शरद पवार ने कल दिल्ली में अपने आवास पर बैठक की। इस बैठक के दौरान उन्होंने अपने समर्थक विधायकों और सांसदों से कहा कि वह ही अब भी असली NCP के अध्यक्ष है। वहीं उन्होंने पार्टी से बगावत करने के आरोप में प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे व महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए पार्टी के नौ विधायकों को पार्टी से निकालने का ऐलान किया।
वहीं, दिल्ली में शरद गुट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक को अजित पवार गुट ने अवैध बताया है। अजित गुट ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक की कोई कानूनी वैधता नहीं है। एनसीपी का प्रतिनिधित्व कौन करता है, इस विवाद का समाधान चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में है और इसलिए पार्टी में किसी भी व्यक्ति के पास राष्ट्रीय कार्यसमिति या राष्ट्रीय पदाधिकारियों या प्रदेश अध्यक्षों की किसी भी बैठक को बुलाने का तब तक कोई अधिकार नहीं है जब तक चुनाव आयोग इस पर अंतिम फैसला नहीं कर देता।
दिल्ली में अपनी समर्थकों के साथ बैठक के दौरान शरद पवार ने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार विपक्षी पार्टियों को ईडी-सीबीआई का डर दिखाकर परेशान कर रही है। कुछ महीनों बाद चुनाव होंगे, जनता इन्हें जवाब देगी। मुझे चुनाव आयोग पर पूरा भरोसा है। आयोग सही निर्णय लेगा। हम पार्टी से बगावत करने वाले नेताओं की सदस्यता को रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर और कोर्ट का रुख करेंगे।