फैसले से कन्फ्यूज कांग्रेस?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कांग्रेस के कुछ बड़े नेता कन्फ्यूज हैं कि, ये फैसला कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन वाली सरकार के पक्ष में है या खिलाफ। यही वजह है कि हर नेता इस फैसले को अपने हिसाब से बता रहे हैं।
कहां है सियासी संकट? बैटिंग के लिए आए येदियुरप्पा, फिल्डर बने BJP विधायक
कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में: सिंघवी
कोर्ट में विधानसभा स्पीकर का पक्ष रखने वाले अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे गठबंधन सरकार की जीत बताई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन, फैसले के बारे में हो रहा गलत प्रचार बताता है कि ये फैसला किस तरह कर्नाटक में विपक्ष के खिलाफ गया है। न्यायलय ने अनुच्छेद 190 और नियम 202 का उल्लेख किया, जो कि हमारे पक्ष में था।
कर्नाटक: फ्लोर टेस्ट से पहले होटल और रिसॉर्ट में विधायक हुए ‘नजरबंद’
हार गए येदियुरप्पा: सिंघवी
फैसले बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अब अंतिम फैसला स्पीकर को लेना है। जिस केस के सिलसिले में येदियुरप्पा जी कोर्ट गए थे, वो उसमें विफल हो गए।
सिंघवी ने कहा कि कर्नाटक को लेकर जिस तरह से बार-बार सरकार बनाने को लेकर बातें कही जा रही है, वो तर्क संगत नहीं है। सरकार वही बनाता है, जिसके पास संख्या बल होता है और हमारे पास है।
सुरजेवाला को फैसला पसंद नहीं
बात अगर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला की करे, तो उन्हें कर्नाटक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला रास नहीं आया है। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक गलत उदाहरण पेश करता है।
विधानसभा में कोर्ट का दखल:सुरजेवाला
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बागी विधायकों को विश्वास मत में शामिल होने की बाध्यता हटाने पर सुरजेवाला ने ट्विटर पर लिखा कि क्या अब अदालतें विधानसभा की कार्रवाई में दखल देंगी।
कर्नाटक कांग्रेस बोली- सत्यमेव जयते
कांग्रेस की कर्नाटक ईकाई ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिख गया है कि ऑपरेशन कमल फेल होगा, सत्यमेव जयते।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने ने बुधवार को अपना आदेश सुनाया। कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा में इस्तीफा देने वाले कांग्रेस केविधायकों को सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) संविधान के अनुसार, इस्तीफों पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। अदालत इस प्रक्रिया के बीच में नहीं आएगी।