मेघायल के राज्यपाल का कहना है कि किसान आंदोलन के चलते अब तक 700 से अधिक लोगों की मौत हो गई, लेकिन सरकार की ओर से न ही इन मौतों पर कोई संवेदना जताई गई और न ही उनके परिवारों को कोई आर्थिक मदद मिली। अब हालात यह है कि किसानों और सरकार के बीच हर तरह की बात बंद हो गई है। अगर सरकार सोच रही है कि किसान यहां तक आकर खाली हाथ वापस लौट जाएंगे तो आप गलतफहमी में हैं।
एक कार्यक्रम में दौरान उन्होंने केंद्र सरकार को सलाह दी कि भलाई इसी में है किसानों से बात की जाए। बिना बात-चीत के इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल सकता। इस दौरान उन्होंने वियतनाम का उदाहरण दिया, सत्यपाल मलिक ने कहा कि जिस समय वियतनाम में बमबारी हो रही थी उस समय भी पेरिस में बातचीत चल रही थी। लड़ाई अपनी जगह है और बातचीत अपनी जगह, मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से गुजरात के किसानों के लिए काम किया है शायद अभी भी कुछ हो जाए।