उन्होंने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को ठीक से बोलना नहीं आता। उन्होंने कहा कि काग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष जिस तरह से बोलते हैं और जिस तरह का व्यवहार करते हैं, जिस तरह की बात करते हैं, उससे मुझे आश्चर्य होता है कि इतने बड़े पद पर बैठा व्यक्ति आज भी सिखने की कोशिश कर रहा है। लेकिन 40 साल की उम्र के बाद जो व्यक्ति सीखता है वो असल मे मंदबुद्धि कहलाता है। यानी आप ऐसे व्यक्ति को औसत दर्जे का आदमी कह सकते हैं।
उनके इस बयान के बाद विपक्ष भी कहां चुप रहने वाला था । कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल जी के लिए इस तरह का बयान देना सरोज पांडेय को शोभा नहीं देता। उन्हें कम से कम अपने पार्टी के पद का ख्याल रखना चाहिए। वैसे भी उनका विवादों में रहना पुराना नाता है। वे जहां भी जाती है। विवाद उनके साथ चलती है। राज्यसभा सांसद को पहले अपने आपको देखना चाहिए। फिर राहुल जी और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बयान देने चाहिए।