इसके पहले उनका पार्थिव शरीर विधानसभा परिसर ले जाया जायेगा। राज्य सरकार ने उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करने का फैसला किया है। आपको बता दें कि तुलसी दास मेहता पहली बार 1962 में सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर विधायक बने। 1969 में पहली बार राज्य मंत्री बने थे।
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तुलसीदास मेहता के राजनीतिक सफर की बात करें तो मंत्री बनने के बाद 1975 से 95 तक उन्होंने उर्जा मंत्रालय संभाला। जबकि 1995 से 2000 तक वन एवं पर्यावरण मंत्री बने। लोकनायक जय प्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर के साथ उनका संबंध काफी करीबी था।
सीएम ने गहरा शोक प्रकट किया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मंत्री तुलसी दास मेहता के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। सीएम ने कहा है कि वे एक कुशल राजनेता के साथ ही प्रखर समाजवादी थे। उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व मंत्री तुलसी दास मेहता के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। सीएम ने कहा है कि वे एक कुशल राजनेता के साथ ही प्रखर समाजवादी थे। उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
उपमुख्यमंत्री ने जताया शोक
तुलसीदास मेहता के निधन पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि तुलसीदास मेहता के निधन से बिहार की राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई है।
तुलसीदास मेहता के निधन पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि तुलसीदास मेहता के निधन से बिहार की राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई है।
वहीं तुलसी दास मेहता के निधन पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने भी गहरा शोक प्रकट किया है। अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा तुलसी दास जी का जीवन सादगीपूर्ण था. वे आजीवन जन समस्याओं के प्रति गंभीर रहे।