शाह इस दौरान सोशल मीडिया ( Social Media ) फ्लेटफॉर्म के जरिये पार्टी कर्यकर्ताओं में चुनाव को लेकर जहां जोश भरेंगे वहीं जनता के बीच पार्टी के कामों और आगामी योजनाओं रूपरेखा रख सकते हैं। खास बात यह है कि शाह के इस वर्चुअल रैली की घोषणा के साथ ही प्रदेश की सियासत गर्मा गई है।
आरजेडी ( RJD ) नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) ने शाह के बहाने बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। तेजस्वी ने कहा है कि बीजेपी को कोरोना संकट के बीच भी गरीबों की नहीं बल्कि चुनाव की चिंता है।
अब बाल कटवाने के लिए सरकार ने रखी बड़ी शर्त, इस पहचान के बिना नहीं करवा पाएंगे हेयर कट
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चक्रवाती तूफान को लेकर हाई अलर्ट पर महाराष्ट्र और गुजरात, इन राज्यों में भी तेजी से बदलने वाला है मौसम अमित शाह डिजिटल रैली के जरिए तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कार्यकर्ताओं और अपने समर्थकों को संबोधित करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह के अलावा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा इस रैली में हिस्सा लेंगे और लोगों को संबोधित करेंगे।
लेकिन बीजेपी के इस चुनावी अभियान की सुगबुगाहट ने आरजेडी की नींद उड़ा दी है। प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भाजपा पर तंज कसा और कहा कि देश में महामारी फैली हुई है लेकिन भाजपा को अभी भी चुनाव की चिंता है।
भूख, हत्या और गरीबी का जश्न मना रही भाजपा
तेजस्वी ने कहा कि पूरे देश के साथ बिहार भी इस वक्त महामारी से जूझ रहा है। लेकिन ऐसे माहौल में भी भाजपा को चुनाव की चिंता है। भाजपा पहली ऐसी पार्टी है कि 9 जून को बिहार में भूख, हत्या और गरीबी से हुई मौत का जश्न मनाएगी।
तेजस्वी ने कहा कि पूरे देश के साथ बिहार भी इस वक्त महामारी से जूझ रहा है। लेकिन ऐसे माहौल में भी भाजपा को चुनाव की चिंता है। भाजपा पहली ऐसी पार्टी है कि 9 जून को बिहार में भूख, हत्या और गरीबी से हुई मौत का जश्न मनाएगी।
आरजेडी करेगी विरोध
इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि 9 जून की अमित शाह की वर्चुअल रैली का विरोध राजद अपनी तरह से करेगी। तेजस्वी ने कहा कि इस दिन हम भाजपा के इस कार्यक्रम का प्रतिकार करेंगे।
इतना ही नहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि 9 जून की अमित शाह की वर्चुअल रैली का विरोध राजद अपनी तरह से करेगी। तेजस्वी ने कहा कि इस दिन हम भाजपा के इस कार्यक्रम का प्रतिकार करेंगे।
आपको बता कि बिहार में इस वर्ष अक्टूबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। हालांकि इस वर्ष कोरोना वायरस संकट के बीच बिहार में चुनाव होते हैं या नहीं इसका फैसला पूरी तरह चुनाव आयोग करेगा।
हालांकि इस बीच अमित शाह इशारों-इशारों में ये संकेत दे चुके हैं कि बड़े चुनावों को टालना काफी मुश्किल होता है। लेकिन अंतिम निर्णय पूरी तरह चुनाव आयोग का होगा। वहीं तेजस्वी यादव भी साफ कर चुके हैं कि जब चुनाव आयोग प्रदेश में कोरोना के हालातों की समीक्षा के बाद राजनीतिक दलों से चर्चा के दौरान चुनाव करवाने को लेकर सवाल करेगा तब हम अपनी राय उनके सामने रखेंगे। लेकिन अगर चुनाव वक्त पर हुआ तो हम चुनाव जरूर लड़ेंगे। हालांकि हमारी प्राथमिकता गरीबों का ध्यान रखना है।