दिल्ली हिंसा पर बोला यह दबंग IPS और पूर्व कमिश्नर, पहले ही दिन उठवा देता शाहीन बाग से लोगों को और सुभद्रा मुखर्जी ने कहा कि वह बहुत उम्मीद के साथ भाजपा में शामिल हुई थीं, लेकिन हाल के घटनाक्रमों से उन्हें निराशा हुई, जो दिखाता है कि भाजपा अपनी विचारधारा से दूर जा रही है।
उन्होंने कहा कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के साथ थीं, जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में पारित किया, लेकिन वह इसे बढ़ावा देने के भाजपा के तरीके को लेकर वह अब विरोध में हैं।
उन्होंने कहा, “इसने पूरे देश में अशांति पैदा की है। हम सबको इतने सालों बाद स्वतंत्र भारत में अपनी नागरिकता साबित करने के लिए अपने दस्तावेज क्यों दिखाने चाहिए।” सुभद्रा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली हिंसा ने आखिकार उन्हें मजबूर किया कि वह पार्टी के साथ नहीं रह सकतीं।
दिल्ली हिंसा में आईबी कर्मी अंकित शर्मा के हत्यारे का भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सबूत के साथ किया खुलासा दिल्ली हिंसा में अब तक 43 लोगों की मौत हुई है और 200 से ज्यादा लोग घायल हैं। इनमें से कई की हालत नाजुक बनी हुई है।
अभिनेत्री ने कहा, “माहौल नफरत से भरा है। अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा जैसे पार्टी नेताओं के खिलाफ उनके नफरत भरे भाषणों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मैं ऐसी पार्टी में कैसे रह सकती हूं, जो कार्रवाई चुनकर करे?