अब रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले के बयान से एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति गरम हो गई है।
आठवले का कहना है कि 2 महीने (नवंबर और दिसंबर) भूकंप वाले महीने हैं। यहां अठावले का संकेत महाराष्ट्र के सियासी उथल—पुथल से था।
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RPI मुखिया आठवले ने महाराष्ट्र में सबसे पहले देवेंद्र फड़णवीस और अजीत पवार का भूकंप आया। इसके बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का और अब एक बार फिर किसी न किसी भूकंप की आहट है, जो हमारे लिए होगा। अठावले के इस बयान के एक बार फिर महाराष्ट्र में बड़े सियासी उलटफेर की अटकलें लगाई जा रही हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत न मिलने पर लगभग एक महीने तक सियासी घमासान की स्थिति रही थी। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने एनसीपी के अजीत पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली, लेकिन संख्या बल पूरा न होने चलते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चार दिन बाद ही इस्तीफा देना पड़ा।
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वहीं, लंबे समय तक चली बातचीत के बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस ने साथ मिलकर सरकार बनाई। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी को 105, शिवसेना को 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।