राजनीति

अपनी ही सरकार को राजनाथ ने दी नसीहत! बोले-योजना का लोकार्पण ही नहीं काम भी करना चाहिए

– राजनाथ ने कहा- केवल किसी परियोजना या पहल का लोकार्पण पर्याप्त नहीं- विपक्ष कहती है- पीएम मोदी सिर्फ घोषणाएं करते हैं, कार्यान्वयन पर ध्यान नहीं देते- नितिन गडकरी भी कई बार अपनी ही सरकार पर निशाना साध चुके हैं।

Feb 19, 2019 / 09:10 pm

Chandra Prakash

अपनी ही सरकार को राजनाथ ने दी नसीहत! बोले-योजना का लोकार्पण ही नहीं काम भी करना चाहिए

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कई बयानों ने बीजेपी अलाकमान और मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ाई हैं। इसी कड़ी में अब एक नाम और जुड़ता दिख रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सरकारी योजनाओं को लेकर कुछ ऐसा कहा, जिसके कई सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं।

‘सिर्फ लोकार्पण पर्याप्त नहीं कार्यान्वयन पर भी ध्यान जरूरी’
राजनाथ सिंह मंगलवार को महिला-बाल विकास मंत्रालय के एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा, ‘केवल किसी परियोजना या पहल का लोकार्पण पर्याप्त नहीं है। बल्कि, यह मायने रखता है कि परियोजना को समुचित तरीके से आगे बढ़ाने के लिए कितनी ताकत झोंकी गई है। उन्होंने आगे कहा कि परियोजनाओं को क्या महत्वपूर्ण बनाता है और इसे कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है इस पर ध्यान देना चाहिए। बता दें कि विपक्ष भी अक्सर कहता रहा है कि पीएम मोदी सिर्फ घोषणाएं करते हैं लेकिन उसके कार्यान्वयन पर ध्यान नहीं देते हैं।

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राजनाथ सिंह ने और क्या कहा?

राजनाथ सिंह ने मेनका गांधी के साथ तीन देशव्यापी आपात हेल्पलाइन नंबर (112) जारी किए। जो 16 राज्य और केंद्र प्रशासित प्रदेश में काम करेंगे। लॉन्चिंग के बाद सिंह ने कहा कि हमारा मंत्रालय हमेशा महिला सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध रहा है क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। सभी को महिलाओं के लिए ज्यादा सुरक्षित माहौल बनाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि परियोजनाओं के समुचित कार्यान्वयन के लिए हितधारकों को और ज्यादा प्रशिक्षण, लैंगिक मुद्दों पर संवेदनशील बनाने और पर्याप्त संसाधन आवंटित किए जाने की जरूरत है।

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गडकरी के वो बयान जिसने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किलें

3 फरवरी: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के एक कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा था कि मैं कई लोगों से मिला हूं जिन्होंने कहा है कि हम भाजपा, देश के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं। मैं ऐसे लोगों से कहता हूं, आप क्या कर रहे हैं और आपके परिवार में और कौन लोग हैं। वह बताता है कि मैंने अपनी दुकान बंद कर दी है क्योंकि वह ठीक से नहीं चल रही थी… घर में पत्नी, बच्चे हैं। मैं कहता हूं, पहले अपने घर की देखभाल करें, क्योंकि जो अपना घर नहीं संभाल सकता, वह देश नहीं संभाल सकता। ऐसे में पहले अपना घर संभालें और अपने बच्चे, संपत्ति देखने के बाद पार्टी और देश के लिए काम करें। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री के इस बयान को पीएम मोदी से जोड़कर खूब राजनीति की।

7 जनवरी: सवर्ण आरक्षण पर विवादों के बीच नितिन गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी क्षमता साबित करने के लिए किसी तरह के आरक्षण की जरूरत नहीं पड़ी और उन्होंने कांग्रेस के अपने समय के पुरुष नेताओं से बेहतर काम किया।

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27 जनवरी: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में कहा, ‘सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है, इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकते हैं। मैं सपने दिखाने वालों में से नहीं हूं, जो भी बोलता हूं वह डंके की चोट पर बोलता हूं।

23 दिसंबर,2018: गडकरी ने पुणे में कहा, ‘नेतृत्व को जीत का श्रेय और हार की जिम्मेदारी दोनों लेनी चाहिए। अगर मैं पार्टी अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद और विधायक ठीक से काम नहीं कर रहे हैं तो यह किसी और की नहीं, मेरी ही जिम्मेदारी होगी।

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