राजनीति

Rajnath Singh बोले – भारतीय सैनिकों की वीरता पर हमें गर्व होना चाहिए, जानें 10 प्रमुख बातें

चीन ने लद्दाख क्षेत्र में एलएसी को बदलने का प्रयास कर सभी समझौतों का उल्लंघन किया।
इस बार हमारी सेना ने चीन के नापाक मंसूबों को करारा जवाब दिया और सबक सिखाने का काम किया।
दोनों देश सीमा पर शांति के लिए बातचीत के जरिए विवाद का रास्ता निकालने पर सहमत।

Sep 17, 2020 / 01:56 pm

Dhirendra

Rajnath Singh said – We should be proud of the bravery of Indian soldiers, know 10 key things

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के मुद्दे पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh ) ने गुरुवार को राज्यसभा में बयान दिया। उन्होंने गलवान वैली हिंसा और पैंगोंग सेक्टर सहित कई अन्य क्षेत्रों में तनाव के लिए चीन को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहरया। देश की सीमा की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। हमें अपनी सेना के इस शौर्य पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने चीन को चेताते हुए कहा कि सेना ने ड्रैगन की गलत हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया और आगे भी हम ऐसा जवाब देते रहेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन के सदस्यों से कहा कि हम अपनी संप्रभुता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे। आइए हम आपको बताते हैं राज्यसभा में चीन के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर राजनाथ सिंह के बयान की 10 प्रमुख बातें।
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1. वास्तविक नियंत्रण को लेकर भारत और चीन की राय अलग-अलग है। सीमा पर शांति बेहतर द्विपक्षीय संबंधों के लिए जरूरी है। सीमा विवाद का समाधान निकालने के लिए दोनों पक्षों के बीच समझौता वार्ता जारी है। दोनों देशों ने माना है कि सीमा का प्रश्न जटिल् मुद्दा है। चीन का भारतीय जमीन पर अभी भी अवैध कब्जा है।
2. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने पिछले कई दशकों में सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी तैनाती क्षमताओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों का निर्माण किया। अब हमने भी पिछले कुछ वर्षों के दौरान सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट को पिछले स्तरों से लगभग दोगुना कर दिया है।
3. रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन सीमा पर भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से नियमों का पालन किया है, जबकि चीन इससे पीछे हटा। उसकी नापाक गतिविधियों की वजह से सीमा पर पांच मई से तनाव है।
4. पूर्वी लद्दाख क्षेत्र की गलवान वैली, पैगोंग सेक्टर, गोगरा हिल, हॉट स्प्रिंअ एरिया, बीडीओ में चीनी सेना की कार्रवाई दोनों देशों के बीच विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन सरासर उल्लंघन है।

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5. चीनी सेना की कार्रवाई 1993 और 1996 के समझौतों के खिलाफ है। एलएसी का सम्मान और सख्ती से निरीक्षण करना सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का आधार है।

6. सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंसक घटनाओं और तनाव के दौरान भी हमारे सशस्त्र बलों के आचरण से पता चलता है कि जब उन्हें भड़काने की कोशिश की गई तब भी उन्होंने संयम बनाए रखा। साथ ही उन्होंने जरूरत पड़ने पर भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यक रूप से ‘शौर्य’ का प्रदर्शन भी किया।
7. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को बताया कि अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पूर्वी क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र पर चीन लगभग 90,000 वर्ग किलोमीटर का दावा भी करता है।
8. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 38,000 वर्ग किलोमीटर पर चीन का अवैध कब्जा है। 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत पाकिस्तान ने अवैध रूप से 1 लाख 80 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र चीन को सौंप रखा है।
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9. राज्यसभा में राजनाथ सिहं ने कहा कि 15 जून को बिहार रेजिमंट के कर्नल संतोष बाबू ने अपने 19 बहादुर सैनिकों के साथ भारत की अखंडता की रक्षा करने के लिए गालवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान दिया। सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने लद्दाख का दौरा किया।
10. राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि सीमा का विवाद बातचीत के जरिए शांति और संयम से ही सुलझाया जा सकता है।

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