
स्व. राजेश पायलट की आज 23वीं पुण्यतिथि
स्व. राजेश पायलट की आज 23वीं पुण्यतिथि है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कांग्रेस के पूर्व नेता और उनके दिवंगत पिता राजेश पायलट को दौसा में श्रद्धांजलि दी। दौसा में गुर्जर छात्रावास परिसर में राजेश पायलट की पुण्यतिथि का कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर राजेश पायलट की प्रतिमा का अनावरण भी किया जाएगा। इसके साथ ही राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट के सियासी भविष्य को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। दौसा में पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर सचिन पायलट ने बड़ा कार्यक्रम रखा गया है। संभावना है कि इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भीड़ आ सकती है।
पिता ने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया - सचिन पायलट
दौसा जाने से पूर्व सचिन पायलट ने कहाकि मेरे पूज्य पिताजी स्व. राजेश पायलट जी की पुण्यतिथि पर उन्हें हृदय से नमन करता हूं। अपनी कर्मभूमि से उनका जुड़ाव, जनता से अपनेपन का रिश्ता एवं जनकल्याण के प्रति उनकी समर्पित कार्यशैली मेरे लिए मार्गदर्शक हैं। उन्होंने जनहित को सर्वोपरि मानकर कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनके विचारों और आदर्शों का मैं सदैव अनुसरण करता रहूंगा।#राजेश_पायलट_अमर_रहे
दो दशक से चल रहा है श्रद्धांजलि कार्यक्रम
ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सचिन पायलट रविवार को दौसा में अपने पिता की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में नई पार्टी या अपनी भविष्य की योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। पर राजनीतिक पंडितों का माना है सचिन अपने पिता की पुण्यतिथि पर पिछले दो दशकों से श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करते आ रहे हैं।
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सचिन पायलट ने की बगावत
वर्ष 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 2020 में सचिन पायलट ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी और कुछ विधायकों को लेकर राजस्थान से बाहर चले गए थे। जिसके बाद उन्हें पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया गया था।
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सचिन पायलट के संभावित कदम पर लग रहे कयास
हालांकि पिछले तीन माह में हुए घटनाक्रमों के कारण इस साल 11 जून को सचिन पायलट के संभावित कदम को लेकर चर्चा है। पायलट ने 11 अप्रैल को गहलोत सरकार से अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच शुरू करने की मांग करते हुए एक दिन का उपवास रखा था। कांग्रेस जब विपक्ष में थी, तब उसने भ्रष्टाचार मुद्दा उठाया था।
दौसा कार्यक्रम पर सबकी नजर
पायलट ने 11 मई को पांच दिनों तक चलने वाली जन संघर्ष यात्रा की शुरुआत की थी। उन्होंने अजमेर से जयपुर की यात्रा की थी। सचिन पायलट के अगले संभावित कदम के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं। आज माहौल गरम है। राजनीतिक गलियारों में सबकी नजर इस वक्त सचिन पायलट के दौसा कार्यक्रम पर है।
Updated on:
11 Jun 2023 11:08 am
Published on:
11 Jun 2023 10:27 am
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