नई दिल्ली। श्रमिक एक्सप्रेस ( Shramik Express ) चलाने को लेकर फिर सियासत तेज हो गई है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ( Railway Minister Piyush Goyal ) के गैर भाजपाई चार प्रदेश श्रमिकों के लिए कम संख्या में ट्रेन मांगने के बयान पर कांग्रेस ( Congress ) ने भी पलटवार कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि रेल मंत्रालय ( Ministry of Railways ) पूरी राशि जमा नहीं करवा रहा है और पर्याप्त संख्या में ट्रेन भी उपलब्ध नहीं करवा रहा है।
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मजदूरों के लिए चल रही श्रमिक एक्सप्रेस शुरू करने के दौरान इसके किराए को लेकर सियासत हुई। अब इसकी संख्या को लेकर नेता एक-दूसरे के आमने-सामने हो रहे हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक बयान में कहा कि रेल मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए 1200 ट्रेन तैयार कर रखी हैं। जिससे रोज हम 300 ट्रेनें शुरू कर सकते हैं। इसके बावजूद राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल से बहुत ही कम ट्रेन चलाने की स्वीकृति मिल रही है। जबकि दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के लिए 400 और बिहार को 200 ट्रेनें रवाना हो चुकी हैं।
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गोयल के इस बयान पर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री के बयान कई बार झूठ साबित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय 100 करोड़ रुपए पीएम केयर्स फंड में डाल सकता है तो मजदूरों के घर वापसी को नि:शुल्क क्यों नहीं कर सकता। पीएम केयर्स फंड से भी घर वापसी के लिए 100-200 करोड़ रुपए दिए जा सकते थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान, पंजाब की कांग्रेस सरकार, केरल और कर्नाटक की कांग्रेस इकाई बार-बार पैसे जमा करवाने की गुहार करवा रही है, लेकिन जानबूझकर रेल मंत्रालय पैसे भी जमा नहीं करवा रहा है। साथ ही ट्रेन भी उपलब्ध नहीं करवा रहा है।
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13 मई तक राज्यों को गई श्रमिक एक्सप्रेस
आंध्र प्रदेश (3 ट्रेनें), बिहार (169 ट्रेनें), छत्तीसगढ़ (6 ट्रेनें), हिमाचल प्रदेश (1 ट्रेन), जम्मू और कश्मीर (3 ट्रेनें), झारखंड (40 ट्रेनें), कर्नाटक (1 ट्रेन), मध्य प्रदेश (53 ट्रेनें), महाराष्ट्र (3 ट्रेनें), मणिपुर (1 ट्रेन), मिजोरम (1 ट्रेन), ओडिशा (38 ट्रेनें), राजस्थान (8 ट्रेनें), तमिलनाडु (1 ट्रेन), तेलंगाना (1 ट्रेन), त्रिपुरा (1 ट्रेन), उत्तर प्रदेश (301 ट्रेनें), उत्तराखंड (4 ट्रेनें), पश्चिम बंगाल (7 ट्रेनें)।
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अब तक 12 लाख मजदूरों को पहुंचाया घर
रेल मंत्रालय ने कहा कि 1 मई को सिर्फ 4 ट्रेनों से शुरुआत की गई थी। 15 दिन से भी कम अर्से में 1000 से अधिक श्रम शक्ति ट्रेन चलाई जा चुकी है। गुरुवार को विभिन्न राज्यों से कुल 145 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया गया। अब एक दिन में 2 लाख से अधिक श्रमिकों की घर वापसी की जा रही है। अब तक इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से 12 लाख से अधिक यात्री अपने गृह राज्यों में पहुंच चुके हैं।