नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनसते हुए रेल बजट को भी केंद्रीय बजट में शामिल कर दिया है। कैबिनेट ने करीब 92 सालों से चलती आ रही प्रथा को समाप्त करते हुए कहा कि अगले साल से अलग से रेल बजट प्रस्तुत नहीं किया जाएगा। आम बजट के साथ ही प्रस्तुत किया जाएगा रेल बजट इस आदेश के बाद 2017-18 के बाद से केंद्रीय बजट के साथ ही रेल बजट को भी पेश किया जाएगा।वित्त मंत्रालय ने रेल बजट को केंद्रीय बजट में विलय करने का प्रस्ताव रखा था। इसके साथ ही अगले साल से केंद्रीय बजट 1 फरवरी को प्रस्तुत किया जाएगा। इसे समय पर लागू करने के लिए संसद में बजट सत्र को 25 जनवरी से पहले पूरा करना होगा। 3 वीक पहले शुरू होगी बजट की प्रकिया बजट सत्र की प्रक्रिया इस साल तीन सप्ताह पहले शुरू कर दी जाएगी। सूत्रों की माने तो बजट की प्रकिया अक्टूबर के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगी। वित्त मंत्रालय सभी विभागों के खर्चों का ब्यौरा 15 नवंबर तक दिया जाएगा। उसके एक महीने बाद 25 दिसंबर तक सरकार उद्योगों को प्रमुख 121234 स्टैक होल्डर्स से परामर्श प्रकिया को पूरा करेगी। अगले विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटेगी सरकार वित्त विभाग का दावा है कि सांख्यिकी विभाग की ओर से निर्धारित जीडीपी को 7 जनवरी तक निर्धारित कर लिया जाएगा।रेल बजट को भी अगले साल बजट के एक बड़े हिस्से की ही तरह प्रस्तुत किया जाएगा। इन दोनों बजट के विलय होने के बाद सरकार के समय और पैसे की बचत होगी। साथ ही सरकार को अगले साल होने वाले यूपी और पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी करने का समय भी मिल जाएगा।