दरअसल राहुल गांधी ने इंडियन एक्स्प्रेस की एक खबर को ट्वीट करते हुए आप पर हमला बोला है। इसस खबर में AAP के संस्थापक सदस्य और नागरिक अधिकार वकील प्रशांत भूषण, जिन्हें 2015 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, ने दावा किया है कि यूपीए सरकार को नीचे लाने के लिए इंडिया अगेंस्ट करप्शन (IAC) आंदोलन “भाजपा और आरएसएस की ओर से उकसाया गया” था।
रिया चक्रवर्ती के मीडिया ट्रायल पर भड़की ये अभिनेत्री, जानें फिर क्या दिया बयान आपको बता दें कि प्रशांत भूषण आईएसी के एक प्रमुख सदस्य थे, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाले AAP के पूर्व अध्यक्ष भी रहे। हालांकि 2015 में उन्हें कथित “पार्टी विरोधी गतिविधियों” को लेकर योगेंद्र यादव के साथ पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
प्रशांत भूषण ने एक निजी चैनल में दिए साक्षात्कार में कहा है कि यूपीए सरकार को गिराने के लिए आईएसी आंदोलन को बीजेपी और आरएसएस की ओर से ही खड़ा किया गया था। साउथ के सुपरस्टार सूर्या की बढ़ सकती है मुश्किल, अभिनेता पर लगा ये बड़ा आरोप
मोदी सरकार पर राहुल का शायराना तंज
इस बीच एक बार फिर राहुल गांधी ने शायराना अंदाज में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई, ये मोदी सरकार को मालूम ही नहीं है।
मंगलवार को संसद में मानसून सत्र के पहले दिन सरकार से सवाल पूछा गया कि लॉकडाउन के दौरान कितने मजदूरों की मौत हुई है।
वायनाड से सांसद राहुल ने ट्वीट कर लिखा है- मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूर मरे और कितनी नौकरियां गयीं।
तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई?
हाँ मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई,
उनका मरना देखा जमाने ने,
एक मोदी सरकार है जिसे खबर ना हुई।
इस बीच एक बार फिर राहुल गांधी ने शायराना अंदाज में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूरों की मौत हुई, ये मोदी सरकार को मालूम ही नहीं है।
मंगलवार को संसद में मानसून सत्र के पहले दिन सरकार से सवाल पूछा गया कि लॉकडाउन के दौरान कितने मजदूरों की मौत हुई है।
वायनाड से सांसद राहुल ने ट्वीट कर लिखा है- मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूर मरे और कितनी नौकरियां गयीं।
तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई?
हाँ मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई,
उनका मरना देखा जमाने ने,
एक मोदी सरकार है जिसे खबर ना हुई।