कांग्रेस सांद राहुल गांधी ने बजट पेश किए जाने के बाद ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। राहुल ने बजट को निराशाजनक बताते हुए लिखा- देश की जनता टैक्स वसूली के बोझ से परेशान है जबकि मोदी सरकार के लिए ये टैक्स की कमाई एक बड़ी उपलब्धि है। नजरिए का अंतर है- उन्हें जनता का दर्द नहीं सिर्फ अपना खजाना दिखता है।
यह भी पढ़ें – Budget 2022: करदाताओं को हाथ लगी मायूसी, वित्त मंत्री ने इनकटैक्स स्लैब में नहीं किया कोई बदलाव राहुल ने आगे लिखा- बजट में किसी के लिए कुछ भी नहीं। न तो वेतनभोगी वर्ग, ना ही मध्यम वर्ग, ना ही गरीब और वंचित तबका, युवा, किसान और एमएसएमई हर क्षेत्र में बजट पूरी तरह जीरो है।
बजट पर निराशा जाहिर करते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई से कुचले जा रहे आम लोगों के लिए बजट शून्य है। सरकार बड़े शब्दों में खो गई है, जिसका कोई मतलब नहीं है, एक पेगासस स्पिन बजट है।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने बजट को अमीरों का बजट बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘बजट किसके लिए है? सबसे अमीर 10 फीसदी भारतीय देश की कुल संपत्ति के 75 प्रतिशत के स्वामी हैं। नीचे के 60 फीसदी लोग सिर्फ पांच प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं। महामारी के दौरान सबसे अधिक मुनाफा कमाने वालों पर अधिक कर क्यों नहीं लगाया गया?’
इसके साथ ही BSP प्रमुख मायावती ने बजट पर कहा कि संसद में पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि गत वर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है। यह कितना उचित है। केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों?
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