आरटीआई को कमजोर करना चाहती है सरकार राहुल ने एक ट्वीट में कहा है कि भ्रष्टाचार को मदद पहुंचाने के लिए सरकार सूचना के अधिकार (आरटीआई) को कमजोर कर रही है। उनका यह बयान संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के उस आरोप के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार आरटीआई कानून को पूरी तरह से तोड़-मरोड़ रही है।
सीआईसी की स्वतंत्रता नष्ट न करे सरकार सोनिया गांधी ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय सूचना आयोग ( CIC ) की स्वतंत्रता को नष्ट करना चाहती है। आरटीआई अधिनियम को 15 जून, 2005 को संसद द्वारा पारित किया गया था। 13 अक्टूबर, 2005 में यूपीए वन के दौरान इस कानून को पहली बार मंजूरी मिली थी।
डीएमसी जफरुल इस्लामः केजरीवाल ने नहीं दिया अल्पसंख्यकों की गिनती का आरटीआई कानून को कमजोर न करे सरकार बता दें कि लोकसभा ने सूचना के अधिकार संशोधन विधेयक 2019 ( Amended RTI Law ) को दो दिन पहले राज्यसभा से मंजूरी मिली थी। विपक्ष और कई आरटीआई कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सरकार इस संशोधन के जरिये आरटीआई कानून को कमजोर कर रही है।
आरटीआई के समर्थन में 117 मत पड़े बता दें कि मोदी सरकार ने राज्यसभा में विपक्ष का वर्चस्व तोड़ कर RTI विधेयक ( Amended RTI Law ) को पारित कराया है। इससे एक दिन पहले कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने आरटीआई, तीन तलाक सहित सात विधेयकों का रास्ता रोकने की रणनीति तैयार की थी। लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस रणनीति काम नहीं आई। राज्यसभा में विधेयक के समर्थन में 117 मत पड़े थे, जबकि विरोध में सिर्फ 75 मत पड़े।