राजनीति

पंजाबः अमरिंदर से मिलकर बोले हरीश रावत, आलाकमान का निर्देश मानेंगे कैप्टन, सिद्धू भी जुटा रहे समर्थन

सोनिया गांधी के नाम लिखे कैप्टन के खत से बढ़ी हलचल, चंडीगढ़ में अमरिंदर को मनाने पहुंचे हरीश सिंह रावत

Jul 17, 2021 / 02:37 pm

धीरज शर्मा

नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में चल रहे अंदरुनी कलह के बीच प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने चंडीगढ़ पहुंचकर कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद हरीश रावत ने कहा कि कैप्टन के कुछ सवाल है, जिनके जवाब कांग्रेस आलाकमान की ओर से दिए जाएंगे। आलाकमान जो भी फैसला लेगा वो सीएम अमरिंदर को मंजूरी होगा। उन्होंने ये भी कहा कि पंजाब में अमरिंदर कांग्रेस का चेहरा होंगे।
उधर दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष बनते बनते रह गए नवजोत सिंह सिद्धू ने भी विरोधी खेमे को संतुष्ट करने की कवायद शुरू कर दी है। सिद्धू सुबह से उन नेताओं से मिल रहे हैं जो अमरिंदर खेमे के माने जाते हैं। माना जा रहा है कि सोनिया से मुलाकात के बाद सिद्धू को ये निर्देश मिला है कि वे पार्टी में अपने पक्ष में जनमत बनाएं। लोगों को नाराजगी दूर करें।
पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ पंचकूला में उनके निवास पर लंबी बैठक की. नवजोत सिंह सिद्धू विधायकों, मंत्रियों और कांग्रेस के नेताओं का समर्थन हासिल करने के लिए एक-एक विधायक से मिल रहे हैं।
यह भी पढ़ेँः कर्नाटक और त्रिपुरा में भी नेतृत्व बदलाव के विकल्प विचार कर रहा बीजेपी आलाकमान

https://twitter.com/AHindinews/status/1416315989029842946?ref_src=twsrc%5Etfw
https://twitter.com/AHindinews/status/1416254138338344961?ref_src=twsrc%5Etfw
पंजाब कांग्रेस ( Punjab Congress ) में चल रही कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। एक दिन पहले नवजोत सिंह सिद्धू ( Navjot Singh Sidhu ) को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की खबरों जोर पकड़ते ही लगा कि ये मसला अब खत्म हो गया है। लेकिन देर शाम होते-होते एक बार फिर इस मामले में नया पेंच फंस गया।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ( Amrinder Singh ) ने चिट्ठी के जरिए आलाकमान से अपनी नारजगी जाहिर कर डाली। कैप्टन की इस चिट्ठी से दिल्ली दरबार में भी हड़कंप मच गया। यही वजह है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी के प्रमुख हरीश रावत शनिवार को चंडीगढ़ रवाना हो गए। माना जा रहा है कि कैप्टन को मनाने की कोशिश के साथ इस मामले में अंतिम फैसले तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि राजनीतिक जानकारों की मानें तो इसमें अभी वक्त लग सकता है। क्योंकि ना सिद्धू झुकने को तैयार हैं और ना ही कैप्टन नरम पड़ रहे हैं।
कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहा तनाव जब-जब नतीजे के करीब पहुंचता है तब-तब इसमें कोई बड़ा पेंच सामने आ जाता है। कभी सिद्धू अड़ जाते हैं तो कभी कैप्टन। एक बार फिर ऐसा ही हुआ।
शुक्रवार को जहां ऐसा माने जाने लगा कि पंजाब कांग्रेस में चल रहा विवाद सुलक्ष गया है तो अचानक कैप्टन की नारजगी से भरी चिट्ठी ने हड़कंप मचा दिया।
कांग्रेस आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने पर मुहर लगाई तो सिद्धू खेमे ने इसका जश्न मनाना भी शुरू कर दिया। सुबह से शुरू हुआ ये जश्न शाम आते-आते फीका पड़ गया। इसके फीके पड़ने की वजह थी कैप्टन अमरिंदर सिंह की सोनिया गांधी के नाम चिट्ठी।
इस चिट्ठी में कैप्टन ने इस बात का उल्लेख किया है कि पुराने नेताओं की उपेक्षा करने का आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत की संभावना पर विपरीत असर हो सकता है।

कैप्टन की इस धमकी भरी चिट्ठी का असर यह हुआ कि आलाकमान ने संदेश लेकर हरीश रावत को चंडीगढ़ भेज दिया। माना जा रहा है कि हरिश रावत कैप्टन को मनाकर इस मसले को जल्द से जल्द खत्म करने की कोशिश करेंगे।
सिद्धू भी पटियाला स्थित घर से निकल
एक तरफ हरीश रावत चंडीगढ़ जाकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मिलने वाले हैं तो दूसरी तरफ सिद्धू के भी पटियाला स्थित घर से निकलने की खबर सामने आई है। माना जा रहा है वे भी रावत से मुलाकात करेंगे।
यह भी पढ़ेंः कोरोना की तीसरी लहर ने दी दस्तक! पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कही ये अहम बात

ये बोले रावत
चंडीगढ़ रवाना होने से पहले हरीश रावत ने इस बात को साफ कर दिया कि, पार्टी में सबको खुश करना मुश्किल है। विवाद सुलझाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। किसी तरह के कम्युनिकेशन की समस्या है तो उसे निपटाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
रावत ने कहा कि जब मोहिन रूप लेकर भगवान अमृत बांट रहे थे तब भी कुछ लोग खुश नहीं थे, ऐसे में हर किसी को खुश करना संभव नहीं है। कोशिश यही रहेगी कि किसा के साथ अन्याय ना हो।
यह भी पढ़ेंः सोनिया गांधी को कैप्टन अमरिंदर की दो टूक, कहा- पंजाब में जबरन न दें दखल, वरना होगा
नुकसान

राजस्थान पर असर
पंजाब में कैप्टन और सिद्धू के बीच तकरार खत्म करने के ‘सुलह फार्मूला’ के बाद राजस्थान के सियासी गलियारों में भी हलचल बढ़ गई थी। माना जा रहा है कि इसी तर्ज पर राजस्थान के विवाद को भी खत्म किया जा सकता है।

हरीश रावत की सोनिया गांधी से लंबी मुलाकात के बाद जिस सुलह फार्मूले की बात सामने आई है उसने राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट समर्थकों में नई आशा जगा दी है। वहीं गहलोत खेमे की धड़कनें बढ़ गई हैं कि कहीं पंजाब की तरह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट का पसंदीदा न बन जाए।
पायलट फिर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने या मंत्रिमंडल में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान भी उनके लिए कांग्रेस की केंद्रीय राजनीति में कोई सम्मानजनक पद तलाश रहा है। पंजाब के फार्मूले के आधार पर अब पायलट समर्थकों को यह उम्मीद जगी है कि पायलट समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलने के साथ राजनीतिक नियुक्तियों में हिस्सेदारी बढ़ेगी।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी पायलट की पसंद का हो सकता है। ऐसे में गहलोत खेमे की बैचेनी बढ़ना लाजमी है। क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष का दो वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट आवंटन को लेकर अहम रोल होगा।

Hindi News / Political / पंजाबः अमरिंदर से मिलकर बोले हरीश रावत, आलाकमान का निर्देश मानेंगे कैप्टन, सिद्धू भी जुटा रहे समर्थन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.