वहीं विद्युत विभाग द्वारा कोयले की कमी बताकर अघोषित कटौती की बात की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में 14 घंटे तक कटोती की जा रही है। सुबह होते ही लाइट चली जाती है जो रात को आती है। इतनी कटोती होने के बाद भी लोगों को मनमाने बिल दिए जा रहे है और वसूली भी की जा रही है। इससे लोगों ज्यादा आक्रोश बढ़ रहा है।
विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि जब बिजली ही नही आ रही तो बिल कम होकर क्यों नही आ रहे है। शहरवासियों ने बताया कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो विद्युत विभाग के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा। लाइट कटौती की वजह से शासकीय कार्य ठप पड़े है।
ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोग पैसे खर्च कर आते हैं और लाइट नहीं होने से मायूस होकर वापिस चले जाते है। वहीं विद्युत मंडल द्वारा सोशल मीडिया पर मैसेज डाला गया है कि अघोषित बिजली कटोती शुरू कर दी गई है जो जबलपुर से की जा रही है। ऐसे में लाइट कटने के कोई समय निर्धारित नही है लोड सेटिंग के चलते कभी भी कटौती की जा सकती है।
मूंग की फसल होगी बर्बाद, किसान चिंतित-
इस समय किसानों ने अपने खेतो में मूंग की फसल की बोवनी की है। इसके लिए लगातार पानी देना पड़ता है। ऐसे में लाइट नहीं मिलने से किसान अपनी मूंग की फसल में पानी नहीं दे पा रहे है इससे किसानों को मूंग की फसल खराब होने का डर बना है। वहीं जिन किसानों ने सब्जी बोई है उनकी फसल भी सूख रही है। इससे बिजली कटौती किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
– लाला कटारिया, ग्राम ढिचरी
– नोवी शर्मा, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मंगावली
– नीरज गोस्वामी, एडवोकेट
कोयले की कमी के चलते लाइट की कटौती की जा रही है। वही यह कटौती कब तक होगी कह नहीं सकते। कोयले की डिमांड बढ़ गई है, जिसकी कमी के कारण कटौती की जा रही है।
– राजेश सक्सेना, एसी विद्युत अशोकनगर