वरिष्ठ नेताओं ने नहीं दिखाई हिम्मत पार्टी के कुछ नेता मानते हैं कि प्रियंका गांधी ने दरअसल यह संदेश देने की कोशिश की है कि राहुल गांधी ने तो इस्तीफा देने की हिम्मत दिखाई है लेकिन बाकी नेता जो लोकसभा चुनावों में हार के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे और जिनके नेतृत्व में उनके राज्यों में कांग्रेस पार्टी चुनावों में भाजपा का मुकाबला कर रही थी वो लगातार संदेश देने के बाद भी उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा नहीं दिया।
जवाबदेही तय करने का वक्त बुधवार को राहुल गांधी ने खुद अपने 4 पेज के इस्तीफे में कहा था कि 2019 के हार की कुछ लोगों की जवाबदेही तय करने का वक्त आ गया है। इसके बाद अब प्रियंका गांधी का कहना कि इस्तीफे देने की हिम्मत तो सिर्फ राहुल गांधी ने दिखाई है। पार्टी के कुछ नेता इसे पद पर बैठे बड़े नेताओं पर नसीहत के रूप में देख रहे हैं।
राहुल गांधी के बड़े नेताओं की जवाबदेही तय करने की बात कहने के बाद पार्टी के अंदर खलबली मची हुई है। हालांकि बड़े पदों पर बैठे नेता राहुल का इशारा समझेंगे या फिर एक बार सबकुछ नजरअंदाज कर आगे बढ़ जाएंगे। यह आने वाले दिनों में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पता लगेगा।
राहुल गांधी के बड़े नेताओं की जवाबदेही तय करने की बात कहने के बाद पार्टी के अंदर खलबली मची हुई है। हालांकि बड़े पदों पर बैठे नेता राहुल का इशारा समझेंगे या फिर एक बार सबकुछ नजरअंदाज कर आगे बढ़ जाएंगे। यह आने वाले दिनों में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पता लगेगा।
वैकल्पिक नेतृत्व पर विचार के मिले संकेत दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ( Congress President Rahul Gandhi ) की ओर से बुधवार को इस्तीफे की घोषणा पर पार्टी के वरिष्ठ नेता आश्चर्यचकित हैं। संकट की घड़ी में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह समझ नहीं आ रहा है कि गांधी परिवार से इतर किस नेता को पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाए। लेकिन ऊहापोह में फंसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने राहुल गांधी की जिद को देखते हुए पहली बार नए अध्यक्ष के चयन का मन बना लिया है।
बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह कांग्रेस कार्यसमिति ( Congress Working Committee ) की बैठक आहूत होने की पूरी संभावना है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ( Congress President Rahul Gandhi ) का इस्तीफा मंजूर करने के साथ नए अध्यक्ष का ऐलान भी संभव है। पार्टी संविधान के अनुसार राहुल गांधी तब तक पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे।
फिलहाल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिया है कि उनके उत्तराधिकारी की तलाश में अब ज्यादा विलंब नहीं होगा। संभावित चेहरे वर्तमान हालात में कांग्रेस अध्यक्ष ( Congress President ) पद के लिए मजबूत चेहरे की जरूरत है। इस बात का संदेश राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार के बाद से लगातार दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बार गांधी परिवार कांग्रेस अध्यक्ष पद पर ऐसा व्यक्ति नहीं चाहता जो पर्दे के पीछे से काम करे।
नित्यानंद राय: आतंकियों और अलगाववादियों को सबक सिखाने के लिए जारी रहेगा देशद्रोह कानून हालांकि गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदारों में गिना जा रहा है। पिछली लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता रहे कर्नाटक के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे दूसरे प्रबल दावेदार हैं। दोनों दलित समुदाय से आते हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित शशि थरूर का नाम भी संभावित चेहरों में शामिल है।
नहीं बदलेगा West Bengal का नाम, गृह मंत्रालय ने ममता सरकार के बांग्ला प्रस्ताव को बनाए जा सकते हैं 4 कार्यकारी अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर के चेहरे को नया अध्यक्ष बनाए जाने की स्थिति में चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के विकल्प पर चर्चा की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा जिन्हें देश के चारों हिस्सों के संगठन की जिम्मेदारी सौंप कांग्रेस को मजबूत करने का लक्ष्य दिया जा सके।