क्या है संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार का एजेंडा? मंत्रियों के वेतन और भत्ते के कानून में संशोधन… दरअसल संसद में फिलहाल जनसंख्या नियंत्रण कानून का एक बिल लंबित पड़ा हुआ है। इस बिल को भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने पिछले साल संसद में पेश किया था। राकेश सिन्हा की ओर से पेश किए गए इस जनसंख्या नियंत्रण कानून बिल में दो से अधिक संतान होने पर सरकारी सुविधाओं से वंचित करने जैसा सख्त कानून बनाने की बात कही गई है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक डॉ. अनिल अग्रवाल, रवि किशन सहित पार्टी के करीब आधा दर्जन सांसद यह प्राइवेट बिल लाने की तैयारी में बैठे हुए हैं। वहीं, खबर यह भी है कि शिवसेना के भी एक सांसद की ओर से जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए प्राइवेट बिल लाया जा सकता है। यह जनसंख्या नियंत्रण बिल लाने की तैयारी में जुटे सांसद इसके लिए फिलहाल वकीलों की मदद ले रहे हैं।
वहीं, जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए अदालत में लड़ाई लड़ रहे भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय ने मीडिया को बताया, “जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसले पर कई सांसदों द्वारा प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आने की संभावना जताई गई है। इतना ही नहीं जनसंख्या नियंत्रण कानून के मामले को लेकर दलीय सीमाएं टूटने की भी संभावना है। भाजपा के अलावा दूसरे दलों के सांसद भी यह बिल पेश कर सकते हैं। कुछ सांसदों ने तो इस पर राय भी मांगी है क्योंकि एक बार जनसंख्या नियंत्रण कानून बनने पर देश में एक साथ कई समस्याओं का समापन हो सकता है।”
Good News: केंद्र सरकार ने वाहन स्वामियों को दी बड़ी छूट, लाइसेंस समेत दस्तावेज की वैधता इतने महीने बढ़ाई सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस ढंग से बीते साल 15 अगस्त 2019 (स्वतंत्रता दिवस) को लाल किले की प्राचीर से जनसंख्या नियंत्रण पर जोर दिया था, उससे भी यह संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार भी आगे जनसंख्या नियंत्रण बिल ला सकती है। हालांकि सांसद अपने स्तर से प्राइवेट मेंबर बिल लाकर इस दिशा में माहौल बनाने की कोशिश में लगे हुए दिख सकते हैं।
गौरतलब है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह से संसद का मानसून सत्र शुरू होने की संभावना है। कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार का सत्र विशेष सावधानियों के साथ आयोजित किया जाएगा। राज्यसभा और लोकसभा प्रशासन की ओर से इसको लेकर तमाम तरह के खास इंतजाम किए जा रहे हैं।