मोदी से लेकर राहुल तक हैं जीत में इनसे पीछे, इम महिला उम्मीदवार के नाम दर्ज है सबसे ज्यादा वोट पाने का रिकॉर्ड
नई दिल्ली। 2019 लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) की बिसात बिछ चुकी है। इस चुनाव में दिग्गज नेताओं से लेकर सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। तीन चरण के मतदान हो चुके हैं और सभी नेताओं की यही ख्वाहिश है कि वह रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल कर राजनीति में नया इतिहास रचें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तक इसके लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। जीत के मामले में देश में एक ऐसी महिला उम्मीदवार हैं, जिनके सामने सभी दिग्गज नेताओं का कद छोटा पड़ जाता है। उन्होंने ऐसी जीत हासिल की है, जो भारतीय राजनीति के इतिहास में रिकॉर्ड बन बन चुका है।
एक नजर पहले इस महिला उम्मीदवार पर महाराष्ट्र में एक लोकसभा सीट है बीड, जहां से पूर्व केन्द्रीय मंत्री और दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे (Gopinath Munde) चुनाव जीते थे। लेकिन, सड़क हादसे में देश की राजधानी दिल्ली में उनकी मौत हो गई। गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद उनकी मझली बेटी प्रीतम मुंडे (Pritam Munde) को भाजपा ने उपचुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित किया। उपचुनाव में मुंडे को इतने वोट मिले और इतने बड़े अंतर से उन्होंने जीत हासिल की आज तक किसी को ऐसी जीत नहीं मिली थी।
एक नजर प्रीतम मुंडे के रिकॉर्ड पर
नाम
पार्टी
सीट
वोट
जीत का अंतर
प्रीतम मुंडे
भाजपा
बीड, महाराष्ट्र
9,22,416
6,96,321
अशोक शंकर राव पाटिल
कांग्रेस
बीड, महाराष्ट्र
2,26,095
हार
ये आंकड़े 2014 लोकसभा के हैं।
अब एक नजर पीएम मोदी के आकंड़ों पर
नाम
पार्टी
सीट
वोट
जीत का अंतर
नरेन्द्र मोदी
भाजपा
वडोदरा, गुजरात
8,45,464
5,70, 128
मधुसुदन मिस्त्री
कांग्रेस
वडोदरा, गुजरात
2,75,336
हार
नरेंद्र मोदी
भाजपा
वाराणसी, उत्तर प्रदेश
5,81,022
3,71,784
अरविंद केजरीवाल
AAP
वाराणसी, उत्तर प्रदेश
2,09,238
हार
सभी आकंड़े 2014 लोकसभा चुनाव के हैं। राहुल गांधी के आकड़ों पर भी डालें एक नजर
नाम
पार्टी
सीट
वोट
जीत का अंतर
राहुल गांधी
कांग्रेस
अमेठी
408,651
1,07,000
स्मृति ईरानी
भाजपा
अमेठी
300,74
हार
यह आकंडे 2014 लोकसभा चुनाव के हैं।
इस जीत से प्रीतम मुंडे का कद इतना बढ़ गया कि पार्टी ने एक बार फिर उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
इस सीट की एक और दिलचस्प कहानी 1952 में बीड लोकसभा सीट का पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ। पहली बार यहां पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट को जीत मिली। अगले दो चुनावों में कांग्रेस को सफलता मिली। 1967 में यहां से सीपीआई जीती। वहीं,1971 में कांग्रेस, 1967 में सीपीआई (एम), 1980 में कांग्रेस (ई), 1984 में कांग्रेस, 1989 में जनता दल, 1991 में फिर कांग्रेस के सांसद बने। 1996 में भाजपा का खाता खुला और रजनी पाटिल इस सीट से सांसद बनीं। इसके बाद 1998 और 1999 में जयसिंह राव पाटिल भाजपा के सांसद बने। 2004 में पाटिल एनसीपी में चले गए और फिर चुनाव जीत गए। इसके बाद दो बार लगातार गोपीनाथ मुंडे यहां से भाजपा के सांसद बने।
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