मोदी सरकार ने वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाने को मंजूरी दी थी। करीब 271 करोड़ रुपए की लागत से कुल 10,491 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में अब जाकर यह बनकर तैयार हुआ। खास बात है कि संग्रहालय के निर्माण में तीन मूर्ति भवन में एक भी पेड़ की न कटाई नहीं हुई है। ऊर्जा संरक्षण के मानकों के अनुरूप संग्रहालय की डिजाइन है।
संग्रहालय में सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के व्यक्तिगत सामान, कलाकृतियां, चिट्ठियां, तस्वीरें, विदेशी दौरे पर मिले उपहार, सम्मान, पदक, स्मारक टिकट भी उपलब्ध हैं। सभी प्रधानमंत्रियों के भाषणों का संग्रह भी यहां सुना जा सकता है। प्रधानमंत्रियों से जुड़े व्यक्तिगत सामानों को उनके परिवार से जुटाया गया है। इन सामानों को डिजिटल डिस्प्ले से दिखाया जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में राष्ट्रीय संग्रहालय से जुटाई गईं तमाम दुर्लभ सूचनाएं भी पीएम संग्रहालय में उपलब्ध रहेंगी। प्रधानमंत्रियों के बारे में जानकारी लेने के लिए दूरदर्शन, फिल्म डिविजन, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, मीडिया हाउस, प्रिंट मीडिया, विदेशी न्यूज एजेंसियां, विदेश मंत्रालय के संग्रहालयों से भी मदद ली गई है। संग्रहालय में पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ीं प्रदर्शनियों को प्रदर्शनी का भी इंतजा है। संग्रहालय में वर्चुअल रियलिटी, मल्टी-टच, मल्टी-मीडिया, इंटरेक्टिव कियोस्क, कम्प्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियां, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, इंटरेक्टिव स्क्रीन जैसी अत्याधुनिक तकनीक की व्यवस्था है।
3 मूर्ति भवन में नवनिर्मित प्रधानमंत्री संग्रहालय के ब्लॉक 1 में नेहरू म्यूजियम रहेगा। नेहरू म्यूजियम में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जीवन से जुड़ीं जानकारियां उपलब्ध रहेंगी। प्रधानमंत्री संग्रहालय में युवाओं को सूचना आसान और रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित संचार सुविधाओं का इंतजाम किया गया है।