Presidential Election 2022: द्रौपदी मुर्मू ने बीजेडी से मांगा था समर्थन, जानिए क्या बोले नवीन पटनायक
राष्ट्रपति चुनाव का वक्त नजदीक आते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। बीजेपी की ओर से द्रौपदी मुर्मू को कैंडिडेट घोषित किया गया है। खास बात यह है कि मुर्मू ने बीजू जनता दल से समर्थन की मांग की थी। इसको लेकर नवीन पटनायक का बयान भी सामने आया है।
Presidential Election Droupadi Murmu Ask Support To BJD Know What Naveen Patnaik Said
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। विपक्ष ने जहां यशवंत सिन्हा के नाम का ऐलान किया तो वहीं बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा की। बीजेपी के इस ऐलान के बाद से ही द्रौपदी मुर्मू रातों रात सुर्खियों में बनी हुई हैं। झारखंड की राज्यपाल रह चुकीं द्रौपदी मुर्मू एनडीए का चेहरा तो बन गईं, लेकिन इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत भी है। दरअसल अपने नाम के ऐलान के बाद द्रौपदी मुर्मू ने सबसे पहले जिस राजनीतिक दल को धन्यवाद दिया वो बीजेपी नहीं बल्कि BJD (बीजू जनता दल) था।
दरअसल राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने के लिए द्रौपदी मुर्मू ने बीजेडी से समर्थन की अपील की थी। इस बात का खुलासा भी उन्होंने खुद ही किया। यही वजह रही कि जब उनके नाम का ऐलान हुआ तो उन्होंने सबसे पहले बीजेडी को धन्यवाद दिया। खास बात यह है कि मुर्मू के धन्यवाद के बाद अब इस मामले पर BJD प्रमुख नवीन पटनायक का भी रिएक्शन सामने आया है।
पटनायक ने कहा कि, जब इस नाम को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे चर्चा की तो मुझे काफी खुशी हुई। द्रौपदी मुर्मू ने भी मुझसे इस समर्थन चाहा, ऐसे में मना करने का सवाल ही नहीं था।
बीजेडी प्रमुख ने कहा कि, द्रौपदी मुर्मू देश में महिला सशक्तिकरण के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगी। नवीन पटनायक का ये बयान द्रौपदी मुर्मू की अपील पर फाइनल मुहर माना जा रहा है।
इस वजह से ओडिश के लिए खास दरअसल द्रौपदी मुर्मू मूल रूप से ओडिशा की ही रहने वाली हैं। ओडिशा के आदिवासी जिले मयूरभंज के रायरंगपुर गांव में उनका जन्म हुआ। यही नहीं द्रौपदी के नाम ओडिशा से जुड़ा एक और खास रिकॉर्ड भी है।
दरअसल द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता हैं, जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया। वो 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर रहीं।