इसी कड़ी में एक बार फिर जदयू ( JDU ) के बागी तेवर देखने को मिले हैं। जदयू के उपाध्यक्ष और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ( Prashant Kishor ) लगातार पीएम मोदी ( PM Modi ) पर हमला कर रहे हैं। 26 दिसंबर को एक बार फिर पीके ने मोदी सरकार ( Modi govt ) पर निशाना साधा।
प्रशांत किशोर ने पहले भी कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून पर जेडीयू ने मोदी सरकार का समर्थन कर गलत फैसला लिया है। इसके बाद से वे लगातार इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते रहे हैं। CAA A और NRC के मुद्दे पर प्रशांत किशोर ने एक और ट्वीट किया है।
मौसम विभाग ने जारी की सबसे बड़ी चेतावनी, देश के इन राज्यों में शीतलहर बढ़ाएगी मुश्किल प्रशांत किशोर ने ट्वीट में साधा निशाना
प्रशांत किशोर ने लिखा है, ‘अभी तो एनआरसी की कोई चर्चा नहीं हुई है, की बात इसलिए हो रही है क्योंकि देश भर में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। ये केवल ब्रेक है, फुल स्टॉप नहीं।’
प्रशांत किशोर ने लिखा है, ‘अभी तो एनआरसी की कोई चर्चा नहीं हुई है, की बात इसलिए हो रही है क्योंकि देश भर में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। ये केवल ब्रेक है, फुल स्टॉप नहीं।’
पीके ने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर सकती है, सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश और पूरी प्रक्रिया वापस हो सकती है। आपको बता दें कि जेडीयू एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद लगातार मोदी सरकार को इस मुद्दे पर घेर रही है। दरअसल बिहार में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होना है।
राजनीतिक विश्लेषक इस विरोध को भी चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं क्योंकि एक तरफ प्रशांत किशोर मोदी सरकार को घेर रहे हैं तो दूसरी तरफ पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर सरकार को समर्थन दिया है।
चुनावी रणनीति
ऐसे में जदयू में ही दो फाड़ भी देखने को मिल रहे हैं। दरअसल जेडीयू की ये चुनावी रणनीति हो सकती है कि एक तरफ विरोध कर उन लोगों का समर्थन हासिल करें जो इसके खिलाफ हैं (खास तौर पर मुस्लिम वर्ग) और दूसरी तरफ समर्थन देकर उन लोगों के वोट बंटोर सकें जो मोदी सरकार के सपोर्ट में हैं।
ऐसे में जदयू में ही दो फाड़ भी देखने को मिल रहे हैं। दरअसल जेडीयू की ये चुनावी रणनीति हो सकती है कि एक तरफ विरोध कर उन लोगों का समर्थन हासिल करें जो इसके खिलाफ हैं (खास तौर पर मुस्लिम वर्ग) और दूसरी तरफ समर्थन देकर उन लोगों के वोट बंटोर सकें जो मोदी सरकार के सपोर्ट में हैं।