पीके ने बतााय कि, यह मुलाकात सामाजिक, राजनीतिक, शिष्टाचार की भेंट थी। नीतीश कुमार के साथ गठबंधन या साथ आने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि, अगर नीतीश कुमार बिहार में एक साल के अंदर 10 लाख नौकरियां दे देते हैं तो वे इस संबंध में बात आगे बढ़ा सकते हैं। यानी उन्होंने संकेत तो दे दिया कि, आने वाले समय में वो एक बार फिर नीतीश कुमार के साथ आ सकते हैं।
पीएम उम्मीदवारी की तैयारी
दरअसल नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। हाल में उन्होंने दिल्ली में अलग-अलग राजनीतिक दलों से मुलाकात की थी। ऐेस में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि, नीतीश कुमार प्रदेश के चुनाव में जिस तरह पीके की सलाह से आगे की रणनीति पर काम कर फायदा लेते थे, ठीक उसी तरह वे अब लोकसभा चुनाव में पीएम उम्मीदवारी के लिए भी पीके का साथ चाहते हैं। उसी की तैयारी के लिए वो पीके को अपने साथ जोड़ सकते हैं।
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ट्वीट में रामधारी सिंह दिनकर की कविता से दिया इशारा
इससे पहले सुबह प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर एक खास संकेत दिया। दरअसल पीके ने ट्वीट में रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता की दो पंक्तियां साझा कीं।
इसमें लिखा था, ‘तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाऊंगा, आनेवाली मानवता को, लेकिन, क्या मुख दिखलाऊंगा?’ उनके इस ट्वीट में उन अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है, जिसमें पीके के दोबारा नीतीश कुमार के साथ जाने की बात कही जा रही है।
दरअसल नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। हाल में उन्होंने दिल्ली में अलग-अलग राजनीतिक दलों से मुलाकात की थी। ऐेस में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि, नीतीश कुमार प्रदेश के चुनाव में जिस तरह पीके की सलाह से आगे की रणनीति पर काम कर फायदा लेते थे, ठीक उसी तरह वे अब लोकसभा चुनाव में पीएम उम्मीदवारी के लिए भी पीके का साथ चाहते हैं। उसी की तैयारी के लिए वो पीके को अपने साथ जोड़ सकते हैं।
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ट्वीट में रामधारी सिंह दिनकर की कविता से दिया इशारा
इससे पहले सुबह प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर एक खास संकेत दिया। दरअसल पीके ने ट्वीट में रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता की दो पंक्तियां साझा कीं।
इसमें लिखा था, ‘तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाऊंगा, आनेवाली मानवता को, लेकिन, क्या मुख दिखलाऊंगा?’ उनके इस ट्वीट में उन अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है, जिसमें पीके के दोबारा नीतीश कुमार के साथ जाने की बात कही जा रही है।
प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार 2015 के विधानसभा चुनाव में दोनों साथ आए थे। इस दौरान लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से गठबंधन कराने में पीके ने अहम भूमिका भी निभाई थी।
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