लेकिन अब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस भी सक्रिय नजर आ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विपक्ष की ओर से एनसीपी प्रमुख राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। दरअसल, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को गांधी परिवार से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सामने ये बात रखी कि विपक्ष की ओर से शरद पवार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे।
प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी और प्रियंका से की मुलाकात, पंजाब प्रभारी हरीश रावत भी रहे मौजूद, अटकलें तेज
सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि मंगलवार को सोनिया-राहुल से मुलाकात के दौरान राज्यों के विधानसभा चुनावों पर नहीं बल्कि अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा हुई। इस दौरान प्रशांत किशोर ने बताया कि शरद पवार विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। हालांकि, अभी तक ये बात सामने नहीं आई कि गांधी परिवार इसपर सहमत है या नहीं?
मालूम हो कि गांधी परिवार से मुलाकात से पहले प्रशांत किशोर शरद पवार से उनके आवास पर कई बार मुलाकात कर चुके हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा व एनडीए के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनना की तैयारी है। हालांकि, अब गांधी परिवार के साथ प्रशांत किशोर की मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
पांच साल बाद राहुल से मिले प्रशांत किशोर
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली स्थित राहुल गांधी के आवास पर उनसे मुलाकात की थी। इस दौरान प्रियंका गांधी और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत भी मौजूद रहे। इस मुलाकात के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। मान जा रहा है कि उत्तर प्रदेश समेत बाकी राज्यों के विधानसभा चुनाव और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस संबंध में अभी कोई बात सामने नहीं आई है।
मालूम हो कि पांच साल बाद प्रशांत किशोर की राहुल गांधी से मुलाकात हुई। इससे पहले 2017 में उत्तर प्रदेश चुनाव में प्रशांत किशोर कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस की बुरी हार हुई। कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और ‘यूपी के दो अच्छे लड़के’ का नारा दिया था.. जो कि फेल हो गया।
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कांग्रेस और सपा की करारी हार के बाद प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठाते हुए पार्टी को जिद्दी और अहंकारी बताया था। प्रशांत किशोर ने कहा था कि कभी भी कांग्रेस के साथ काम नहीं करेंगे, हालांकि प्रियंका गांधी के साथ संपर्क बने रहेंगे।
अब यूपी चुनाव में प्रियंका गांधी की कांग्रेस के लिए एक अहम भूमिका मानी जा रही है। चूंकि यूपी चुनाव के मद्देनजर ही प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाया गया था और प्रियंका जोर-शोर के साथ उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को फिर से जीवित करने में जुटी हैं। माना जा रहा है कि यदि कांग्रेस यूपी में बेहतर करती है तो प्रियंका सीएम दावेदार हो सकती हैं और इसका फायदा फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में मिल सकता है।