भाजपा के पांच सांसद को मिले सिर्फ 495 वोट
बिना नाम लिए भाजपा के पूर्व अध्यक्ष पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि इससे पहले बिहार में भाजपा के जो अध्यक्ष थे, वे जब दूसरे दल से लड़े तो उनको सिर्फ छह हजार वोट मिले। अभी हाल ही में जब एमएलसी चुनाव हुए। जिन सीटों पर चुनाव थे, वहां भाजपा के पांच सांसद हैं और पांचों ने अपना पूरा जोर लगा दिया, तब जाकर 495 वोट मिल पाए।
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लालू के डर से भाजपा और भाजपा के डर से लालू को वोट करते हैं लोग
प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा वाले पीएम मोदी के चेहरे पर हिंदुत्व, राम मंदिर, हिंदू-मुस्लिम कर के वोट मिलते हैं। पीके ने कहा, ऐसे समझिए बिहार में लोग पार्टियों के नाम पर वोट नहीं देते हैं। लोग लालू के डर से भाजपा को और भाजपा के डर से लालू को वोट करते हैं।
बेटा भाजपा का उद्धार करने निकला
भाजपा अध्यक्ष को आइना दिखाते हुए कहाकि, भाजपा की कमान बिहार में ऐसे व्यक्ति के पास है, जिसके बाबूजी, पहले लालू प्रसाद यादव के मंत्री थे। फिर नीतीश कुमार के मंत्री बने और मांझी के मंत्री बने। अब उनका बेटा भाजपा का उद्धार करने निकला है। यह भी पढ़ें – भाजपा संग जाने पर अभी फैसला नहीं संतोष सुमन बोले – अकेले भी लड़ सकते हैं चुनाव
भाजपा के पास भी कोई नया चेहरा नहीं
पिछले 30 साल में बिहार में जितने लोग विधायक और सांसद बने हैं, वो कुल 12 परिवार से ही हैं। यहां जिस दल या जिस नेता की हवा होती है, सब उसी के संग हो लेते हैं। भाजपा को भी वही लोग मिले हैं, जिनके बाप-दादा पहले राज करते रहे हैं। भाजपा के पास भी कोई नया चेहरा नहीं है, जिस पर वह दांव लगा सके। यह भी पढ़ें – नीतीश कुमार की सुरक्षा में भारी चूक, घेरा तोड़ घुसा बाइकर गैंग, SSG के हाथ-पैर फूले
लालू के डर से भाजपा और भाजपा के डर से लालू को वोट करते हैं लोग
प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा वाले पीएम मोदी के चेहरे पर हिंदुत्व, राम मंदिर, हिंदू-मुस्लिम कर के वोट मिलते हैं। पीके ने कहा, ऐसे समझिए बिहार में लोग पार्टियों के नाम पर वोट नहीं देते हैं। लोग लालू के डर से भाजपा को और भाजपा के डर से लालू को वोट करते हैं।
बेटा भाजपा का उद्धार करने निकला
भाजपा अध्यक्ष को आइना दिखाते हुए कहाकि, भाजपा की कमान बिहार में ऐसे व्यक्ति के पास है, जिसके बाबूजी, पहले लालू प्रसाद यादव के मंत्री थे। फिर नीतीश कुमार के मंत्री बने और मांझी के मंत्री बने। अब उनका बेटा भाजपा का उद्धार करने निकला है। यह भी पढ़ें – भाजपा संग जाने पर अभी फैसला नहीं संतोष सुमन बोले – अकेले भी लड़ सकते हैं चुनाव
भाजपा के पास भी कोई नया चेहरा नहीं
पिछले 30 साल में बिहार में जितने लोग विधायक और सांसद बने हैं, वो कुल 12 परिवार से ही हैं। यहां जिस दल या जिस नेता की हवा होती है, सब उसी के संग हो लेते हैं। भाजपा को भी वही लोग मिले हैं, जिनके बाप-दादा पहले राज करते रहे हैं। भाजपा के पास भी कोई नया चेहरा नहीं है, जिस पर वह दांव लगा सके। यह भी पढ़ें – नीतीश कुमार की सुरक्षा में भारी चूक, घेरा तोड़ घुसा बाइकर गैंग, SSG के हाथ-पैर फूले