प्रशांत किशोर ने कहा कि राजनीति में किसी भी बारीकी तर्क की जगह नहीं है। आज या तो आप मोदी भक्त हैं नहीं तो आप कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थक हैं और यही बाइनरी विपक्ष को चोट और नुकसान पहुंचा रही है। उनका कहना है कि आज जमाना भले ही टी-20 का है, लेकिन कुछ मुद्दों पर काम करने के लिए समय चाहिए। आज एक फेक न्यूज से सरकारें बन जाती हैं। देश में एक वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी है, जहां पर एक लाइन में सारी बातें कह दी जाती हैं।
इस दौरान प्रशांत किशोर ने देश की राजनीति से जुड़े कई सवालों के जवाब भी दिए। उनसे पूछा गया कि क्या राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ से हट जाना चाहिए। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैंने सोनिया गांधी की लीडरशिप में कांग्रेस का रिकॉर्ड देखा है। सोनिया गांधी लंबे समय से कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और उनका स्ट्राइक रेट 31-32% के आसपास है।
वहीं जब पार्टी की कमान राहुल गांधी के हाथों में थी तो उनका स्ट्राइक रेट 34-35% था। अगर रिकॉर्ड की बात करें तो दोनों ही अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन 2019 के बाद से जब किसी को नहीं पता कि अध्यक्ष कौन है तो स्ट्राइक रेट 10% और उससे भी नीचे आ गया। ऐसे में पार्टी को सबसे पहले अध्यक्ष का चेहरा साफ करना चाहिए।
इस दौरान प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को जीत का मंत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस वाकई बीजेपी के लिए चुनौती बनना चाहती है तो उसे बीजेपी को वोट नहीं देने वाले 60 प्रतिशत वोटर्स में से 40 प्रतिशत को कैप्चर करना होगा। उन्होंने बताया कि अभी कांग्रेस का वोट शेयर 19% है और इसे 25-30 तक ले जाने की जरूरत है।