पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्र सरकार तमाम क्षेत्रीय पार्टियों के साथ बात करेगी। इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के मुखिया सज्जाद लोन के शामिल होने की चर्चा है।
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केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद से घाटी से लेकर दिल्ली तक सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। तमाम सियासी दलों की ओर से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि घाटी में विधानसभा चुनाव कराए जाने को लेकर पीएम मोदी तमाम दलों के साथ बातचीत कर सकते हैं। हालांकि औपचारिक तौर पर बातचीत का एजेंडा अभी सामने नहीं आया है।
सियासी दलों ने दी ये प्रतिक्रियाएं
सर्वदलीय बैठक को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस संबंध में दिल्ली की ओर से कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। यदि निमंत्रण मिलता है तो हम पहले बैठक के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति पर चर्चा करेंगे।
वहीं कांग्रेस ने भी निमंत्रण नहीं मिलने की बात कही है। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक के संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है। यदि हमें निमंत्रण मिलता है तो इस संबंध में राष्ट्रीय नेतृत्व को जानकारी देंगे और फिर आगे की रणनीति तय करेंगे। हालांकि कांग्रेस ने इस तरह के बैठक करने के पहल की सराहना की है।
महमूबा मुफ्ती बैठक में शामिल होने पर कल लेंगे फैसला
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने स्वीकार किया है कि सर्वदलीय बैठक के संबंध में उनके पास एक कॉल आई है। हालांकि, अभी औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है।
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महबूबा ने कहा कि बैठक में भाग लेने या नहीं लेने के संबंध में चर्चा के लिए कल (रविवार) को पीएसी की बैठक करूंगी। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के साथ बात करने का कोई स्पष्ट एजेंडा नहीं है। मुझे बताया गया कि आम स्थिति की समीक्षा करने और राजनीतिक प्रक्रिया को आगे कैसे ले जाया जाए, इसके संबंध में चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई है.. सर्वदलीय बैठक का कोई स्पष्ट एजेंडा नहीं है।