ये पीएम मोदी की चूक है या फिर सोची समझी रणनीति ये तो फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन इतना जरूरी है कि पीएम मोदी का ये रुख बताता है कि वे ममती बनर्जी से खफा जरूर हैं।
हाड़ कंपा देने वाली ठंड के लिए हो जाएं तैयार, मौसम विभाग ने जारी किया बर्फीले तूफान का अलर्ट, इन राज्यों में बढ़ेगा सर्दी का सितम अकसर राजनेताओं के बीच सियासी घमासान देखने को मिलता है। ये घमासान भी सत्ता की चाबी लेने के लिए होता है। जबकि सियासी पिच से हटने के बाद ये नेता आपस में दोस्त भी बन जाते हैं फिर चाहे दल कोई भी हो, लेकिन पश्चिम बंगाल में जड़े जमाने में जुटी बीजेपी के लिए शायद ये जंग इतनी आगे बढ़ चुकी है कि वे अपने विरोधी के जन्मदिन पर भी बधाई देना भी जरूरी नहीं समझा जा रहा।
ये है पूरा मामला
दरअसल 5 जनवरी को देश में सीएम ममता बनर्जी समेत पांच वरिष्ठ नेताओं की जन्मदिन था। लिहाजा पीएम मोदी ने इन नेताओं को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। लेकिन इस दौरान उन्होंने सिर्फ 4 नेताओं को ही बधाई दी, बस ममता बनर्जी को उन्होंने छोड़ दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी नेता को फोन पर बधाई दी तो किसी को जन्मदिन का बधाई पत्र भेजा, लेकिन उन्होंने ममता बनर्जी को किसी भी तरह से जन्मदिन की शुभकामनाएं नहीं दीं। इन नेताओं के थे जन्मदिन
5 जनवरी को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, डीएमके नेता कनिमोई, बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का जन्मदिन था।
इस दिन पीएम मोदी ने मुरली मनोहर जोशी को ट्विटर पर बधाई संदेश दिया। वहीं कल्याण सिंह को उन्होंने फोन करके बधाई दी। पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा को बधाई पत्र भेजा। लेकिन उन्होंने इस दौरान ममता बनर्जी को ना तो ट्विटर पर बधाई दी और ना ही कोई बधाई पत्र भेजा।
कारोबारी रतन टाटा की कार की नंबर प्लेट लगाकर घूम रही थी महिला, पकड़ाने पर हुई पूछताछ तो किया चौंकाने वाला खुलासा ममता बनर्जी 66 वर्ष की हो गई हैं, लेकिन बीजेपी से उनका 36 का आंकड़ा इतना बढ़ गया है कि अब पार्टी नेता उन्हें बधाई देने से भी कतरा रहे हैं। हालांकि अन्य दलों के नेताओं ने ममता दीदी को जन्मदिन की बधाई दी।
इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, डीएमके नेता एमके स्टालिन, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले, त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब शामिल रहे।