प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों से यह भी जानना चाहा कि उनके इलाके में किस तरह का काम हो रहा है। विकास के जिन कार्यों पर काम जारी है उसमें क्या प्रगति है? साथ ही केन्द्र सरकार से किस तरह का सहयोग आपेक्षित है।
करीब एक घंटे तक सासंदो के साथ मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने सांसदों से अपने इलाके की छोटी से छोटी समस्या पर भी गंभीरता से लेने का सुझाव दिया। समस्या का निवारण कैसे हो इसके लिए उपाय करने को कहा। सरकार से अपेक्षित सहयोग के लिए तालमेल और संपर्क बनाने रखने को कहा।
छवि की चिंता बताया जा रहा है कि राजनीतिक शुचिता बनाए रखने के लिए पीएम जनप्रतिनिधियों व उनके परिजनों के बेहतर आचरण और जनता के साथ जुड़ाव पर भी जोर देंगे। ताकि मोदी सरकार 2.0 की छवि पर बट्टा न लगे।
नई कार्य संस्कृति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime minister Narendra Modi ) सांसदों के साथ मुलाकात के दौरान इस बात पर भी जोर दे सकते हैं। वह सांसदों को बताएंगे कि सरकार और देश की राजनीति की नई कार्य संस्कृति ( New work culture ) के हिसाब से खुद को बदलते हुए सरकारी योजनाओं पर अमल कराने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इस बात की नसीहत दे सकते हैं कि पार्टी के सांसदों को अपने स्तर पर क्या करने की जरूरत है। रसूख वाले नेताओं के आचरण पर जताई नाराजगी मंगलवार को भाजपा संसदीय दल (BJP parliamentary party) की बैठक हुई थी। बैठक में पीएम मोदी ने राजनीतिक शुचिता पर जोर देने का संकेत दिया था। उन्होंने पार्टी के मंत्रियों और सांसदों के पुत्रों व परिजनों द्वारा अपने रसूख का नाजायज लाभ उठाने की घटनाओं को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से सख्त नाराजगी जाहिर की थी।
उन्होंने कहा था ऐसे मामलों में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वो बड़े नेता हों या सरकार में मंत्री। सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर हमला, पूछा- सरकारी कंपनियों के निजीकरण के पीछे मंशा क्या
नाम लिए बगैर नेताओं को दिया साफ संकेत उन्होंने संसदीय दल के बैठक के दौरान किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश और प्रहलाद पटेल के बेटे के आचरण से नाराज हैं।
पीएम चाहते हैं कि न तो भाजपा के नेता व मंत्री खुद कोई गलत आचरण करें न ही उनके परिजन या जानकार ऐसा कर सरकार की किरकिरी कराएं। विपक्ष को सरकार के खिलाफ बोलने का मौका दें।
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आपको बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime minister Narendra Modi ) ने सभी मंत्रियों से कहा था कि सुबह साढ़े नौ बजे अपने-अपने कार्यालय पहुंचने की कोशिश करें। इसके अलावा उन्हें कहा गया है कि घर से काम करने से बचें। ऐसा कर दूसरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें।
आपको बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime minister Narendra Modi ) ने सभी मंत्रियों से कहा था कि सुबह साढ़े नौ बजे अपने-अपने कार्यालय पहुंचने की कोशिश करें। इसके अलावा उन्हें कहा गया है कि घर से काम करने से बचें। ऐसा कर दूसरों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें।
मोदी ने अपने सहयोगियों से कहा है कि 40 दिनों के संसद सत्र के दौरान किसी तरह का बाहरी दौरा न करें। इसके लिए उन्होंने अपने गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यकाल का उदाहरण दिया।
100 दिनों का कामकाज का एजेंडा करें पेश सत्ता में दोबारा वापसी करने के बाद प्रधानमंत्री ने मंत्रीपरिषद की पहली बैठक में वरिष्ठ मंत्रियों से कहा था कि चुने गए सांसदों से मिलने के लिए समय निकालें। मंत्री और सांसद में ज्यादा अंतर नहीं है।
सभी मंत्रियों से कहा था कि वह अधिकारियों के साथ नियमित तौर पर कुछ मिनट विकास कार्यों को लेकर चर्चा करें। उन्होंने सभी मंत्रियों से पांच साल का एजेंडा ( Agenda ) लेकर आने के लिए कहा ताकि प्रभावशाली निर्णय लिए जा सकें और इसपर सरकार के 100 दिनों में कार्य शुरू हो सके।