राजनीति

संसद में हिंदी बोलकर चर्चा का स्तर गिरा रहे पीएम मोदी: वायको

MDMK नेता Vaiko को हिंदी में संबोधन पर आपत्ति
‘हिंदी, हिंदू और हिंदू राष्ट्र की भावना से PM Modi बोल रहे हिंदी’
‘Hindi के जरिए गिराया जा रहा संसद में चर्चा का स्तर’

Jul 15, 2019 / 05:31 pm

Chandra Prakash

संसद में हिंदी बोलकर चर्चा का स्तर गिरा रहे पीएम मोदी: वायको

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट हिंदी में फैसला लिखने की तैयारी में है। भारत आने वाले विदेशी मेहमान हिंदी बोलने की कोशिश करते हैं। दुनिया के कई देशों में जमकर हिंदी बोली जा रही है, लेकिन राज्यसभा सांसद और MDMK नेता vaiko ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) समेत ज्यादातर सदस्यों द्वारा सदन में हिंदी बोलने पर आपत्ति जताई है।

एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) के अध्यक्ष वायको ने कहा हिंदी की वजह से संसद में बहस का स्तर नीचे चला गया है।

लोग हिंदी में चिल्ला रहे हैं: वायको

MDMK नेता ने हिंदी बनाम अन्य भारतीय भाषाओं का विवाद छेड़ते हुए कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों में हिंदी भाषा का चुनाव करने की एक खास वजह है।

उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं पीएम ‘हिंदी, हिंदू, हिंदू राष्ट्र’ के नारे से प्रेरित हैं।

सिद्धू को अनिल विज ने बताया BJP का रिजेक्टेड, AAP ने दिया साथ आने का न्यौता

नेहरू पहाड़ तो मोदी सिर्फ अणु: वायको

वायको ने कहा कि हिंदी में संबोधन की वजह से संसद में बहस का स्तर गिर गया है। लोग सिर्फ हिंदी में चिल्लाते हैं।

खुद पीएम मोदी भी हिंदी में ही सदन को संबोधित करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पीएम मोदी के बीच तुलना भी की।

एमडीएमके महासचिव ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू एक महान लोकतंत्रवादी थे, जिन्होंने संसद के सत्र को कभी नहीं छोड़ा।

लेकिन मोदी शायद ही सत्र में भाग लेते हैं। यदि नेहरू एक पहाड़ हैं, तो मोदी केवल एक अणु हैं।

 

‘संस्कृत एक मृत भाषा’

वायको यही नहीं रुके, न्यूज एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी में कौन सा साहित्य है? इसकी तो जड़ें ही नहीं हैं। वायको ने कहा कि संस्कृत एक मृत भाषा है। संसद में किसी के हिंदी बोलने पर सदस्य हेडफ़ोन लगा लेते हैं। कोई नहीं समझ पाता इसको।
करतारपुर कॉरिडोर के बारे में सबकुछ, आस्था से विवाद तक का सफर

‘मोदी को छोड़ सभी पीएम अंग्रेजी बोलते थे’

एमडीएमके ने कहा कि देश की जनता ने वोट देकर विभिन्न विषयों में गहन ज्ञान रखने वाले लोगों को संसद भेजा था, लेकिन यहां तो सिर्फ हिंदी में चिल्लाया जा रहा है।
वाजपेयी भी अंग्रेजी बोला करते थे। मोरारजी देसाई ने भी संसद को अंग्रेजी में संबोधित किया है। अब आप ये तो नहीं कह सकते कि ये लोग हिंदी बोलने का शौक नहीं रखते थे।
इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह भी सदन को अंग्रेजी में संबोधित करते थे।

इसके विपरीत पीएम मोदी सिर्फ हिंदी बोलते हैं। वह लोगों को हिंदी के प्रति अपनी कट्टरता दिखाते हैं।
‘अंग्रेजी में ही हो संसद में चर्चा’

वायको ने कहा कि मेरा मानना है कि हिंदी थोपी नहीं जानी चाहिए। जब तक संसद में संविधान की मान्यता प्राप्त सभी 28 भाषाओं में बातचीत शुरू नहीं हो जाती, जबतक सभी भारतीय भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जाता, तब तक सिर्फ अंग्रेजी में ही बातचीत होनी चाहिए।

Hindi News / Political / संसद में हिंदी बोलकर चर्चा का स्तर गिरा रहे पीएम मोदी: वायको

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.