राज्यसभा में डॉ. हर्षवर्धन का खुलासा, इतने महीनों के भीतर देश में आ जाएगी COVID-19 Vaccine तमिल समाज में सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तन लाने का श्रेय पेरियार को जाता है। स्वाभिमान आंदोलन के संस्थापक पेरियार ने जाति उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। आज तमिलनाडु के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल- अन्नाद्रमुक और द्रमुक ने उन्हें सही ठहराया और उनकी द्रविड़ विचारधारा का पालन करने का दावा किया।
यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पेरियार की राजनीति ने तमिलनाडु में राजनीतिक परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल दिया। इनमें द्रमुक और अन्नाद्रमुक दोनों सरकारों द्वारा पेरियार की विचारधारा पर की गईं कई सामाजिक-कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं। तमाम पार्टी लाइन के नेताओं ने सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी, क्रांतिकारी नेता को श्रद्धांजलि देते हुए पोस्ट कीं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडाप्पडी के पलानीस्वामी ने ट्वीट कर कहा, “थानथाई पेरियार, जिन्होंने दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, जिन्होंने हमें अपनी 142वीं जयंती पर आत्म-सम्मान का अभ्यास करना सिखाया, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
प्रहलाद सिंह पटेल और नितिन गडकरी से पहले कितने केंद्रीय मंत्री आ चुके हैं कोरोना की चपेट में द्रमुक सांसद कनिमोझी ने तमिल और अंग्रेजी दोनों में क्रांतिकारी नेता के विभिन्न उद्धरणों को ट्वीट किया, “उन्होंने आत्म-सम्मान की बाधाओं का विरोध किया और लिंग, वर्ग और जाति में समानता के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और मुक्ति के लिए आवाज उठाई। उनकी जयंती पर शुभकामनाएं। #HBDPeriyar142”
डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने ट्वीट किया, “पेरियार ने तर्कसंगत सोच और आत्मसम्मान पर मानवता को शिक्षित किया। हम सामाजिक न्याय, समानता, जाति उन्मूलन और महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए खुद को समर्पित करेंगे। हम सम्मान और बुद्धिमत्ता पर आधारित समाज की स्थापना करेंगे। #HBDPeriyar142 #PeriyarForever”
अभिनेता से राजनेता बने कमल हासन ने ट्वीट किया, “उन्होंने तर्कसंगत सोच और सामाजिक न्याय के माध्यम से तमिल समुदाय की विचार प्रक्रिया में सुधार किया। उन्होंने परिवर्तन और उत्थान के क्रांतिकारी बीज बोए। तमिल में उनकी छाप इतनी गहरी है कि हम समाज को पेरियार से पहले और पेरियार के बाद अलग कर सकते हैं।”
इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक टेक्स्ट के साथ पेरियार की कैरिकेचर पोस्ट की जिसमें लिखा था, “उस दाढ़ीवाले का जश्न मनाओ जो सामाजिक न्याय के लिए खड़ा था।” पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी ट्वीट कर बताया कि उन्होंने दिवंगत नेता ईवी रामासामी की प्रतिमा पर माला चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।