कोर्ट में गैरहाजिर होने पर जारी हुआ था वारंट
बिसनगर सेशन कोर्ट मे लगातार तीन तारीखों पर गैरहाजिर रहने की वजह से हार्दिक पटेल और उनके छह साथियों के खिलाफ वारंट जारी किया था। इसमें सरदार पटेल ग्रुप के प्रमुख लालजी पटेल भी शामिल थे। वारंट जारी होने के बाद हार्दिक पटेल ने कहा था कि अगर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने आती है तो वह सरेंडर करने को तैयार हैं, लेकिन अगर गिरफ्तारी होती है तो यह आंदोलन और तेज हो जाएगा। मैं इस जंग में अकेले नहीं बल्कि लाखों हार्दिक मेरे साथ हैं।
गिरफ्तार हुआ तो तेज होगी लड़ाई
मीडिया से बात करते हुए हार्दिक पटले ने कहा था कि गुजरात में आरक्षण आंदोलन मामले में उन्हें पहले जमानत मिल गई है। मुझे कोर्ट पर पूरा विश्वास है। मैं कोर्ट की कार्यवाही में हाजिर नहीं हो पाया था। हम लोगों के खिलाफ ऐसे समय में वारंट जारी कराया गया है जब गुजरात में चुनाव के तारीखों का ऐलान हो चुका है। अगर पुलिस मुझे गिरफ्तार करती है तो यह आंदोलन और तेज हो जाएगा। मैं इस जंग में अकेले नहीं बल्कि लाखों हार्दिक मेरे साथ हैं।
वारंट में लाल जी पटेल का नाम भी शामिल
वारंट में सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लाल जी पटेल का भी नाम शामिल है। जानकारी के मुताबिक गुजरात में आरक्षण आंदोलन के दौरान इन सात लोगों ने बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ की थी। कोर्ट ने मामले में तीन बार आरोपियों को समन जारी किया लेकिन कोई भी पेश नहीं हुआ। जिसके बाद बुधवार को कोर्ट ने 7 लोगों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया।
2015 में हुआ था पटेलों का आरक्षण आंदोलन
गौरतलब है कि गुजरात में राजनीतिक रूप से मजबूत पटेल समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर 2015 में हार्दिक पटेल के नेतृत्व में आंदोलन किया था। उस दौरान हार्दिक और उनके साथियों की 25 अगस्त 2015 को थोड़े समय के लिए हुई गिरफ्तारी के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान पुलिस कार्रवाई में नौ लोगों की मौत हो गई थी।