उन्होंने प्रधानमंत्री की बात का समर्थन करते हुए कहा कि अगर मुसलमानों के हितों को ध्यान में रखकर सरकार कोई फैसला ले रही है तो मुसलमानों को उनका समर्थन करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश संविधान से ही चलेगा।
UCC के मुद्दे पर मुसलमान PM मोदी का साथ दें- आतिफ रशीद
UCC के मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए आतिफ रशीद ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 44 के अनुसार सरकार की जिम्मेदारी है कि वह देश में यूनिफार्म सिविल कोड बनाए और देश के अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करें। अगर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार अपनी ज़िम्मेदारी संविधान के प्रति ईमानदारी से निभाती है तो हम देश के पसमांदा मुसलमानो को UCC पर सहमति बनाने के लिए संवाद करेंगे और अपील करते हैं कि आप किसी भी तरह के छलावे मे ना आइये और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री का समर्थन करिए। हमारा देश संविधान से ही चलेगा! पसमांदा मुसलमान अब बाबरी और शाह बानो व CAA की मुखालफत की तरह अब किसी साजिश का शिकार नहीं बनने वाला है।
UCC के मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए आतिफ रशीद ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 44 के अनुसार सरकार की जिम्मेदारी है कि वह देश में यूनिफार्म सिविल कोड बनाए और देश के अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करें। अगर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार अपनी ज़िम्मेदारी संविधान के प्रति ईमानदारी से निभाती है तो हम देश के पसमांदा मुसलमानो को UCC पर सहमति बनाने के लिए संवाद करेंगे और अपील करते हैं कि आप किसी भी तरह के छलावे मे ना आइये और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री का समर्थन करिए। हमारा देश संविधान से ही चलेगा! पसमांदा मुसलमान अब बाबरी और शाह बानो व CAA की मुखालफत की तरह अब किसी साजिश का शिकार नहीं बनने वाला है।
कैसे आर्टिकल 44 से जुड़ा है UCC?
संविधान निर्माताओं ने समान नागरिक संहिता को भारत के लिए जरूरी बताया था। इसके बाद इसे संविधान के अनुच्छेद 44 के नीति निदेशक तत्व में शामिल किया गया है। इस अनुच्छेद में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है। अनुच्छेद 44 उत्तराधिकार, संपत्ति अधिकार, शादी, तलाक और बच्चे की कस्टडी के बारे में समान कानून की अवधारणा पर आधारित है।
संविधान निर्माताओं ने समान नागरिक संहिता को भारत के लिए जरूरी बताया था। इसके बाद इसे संविधान के अनुच्छेद 44 के नीति निदेशक तत्व में शामिल किया गया है। इस अनुच्छेद में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है। अनुच्छेद 44 उत्तराधिकार, संपत्ति अधिकार, शादी, तलाक और बच्चे की कस्टडी के बारे में समान कानून की अवधारणा पर आधारित है।
भाजपा के घोषणा पत्र में है UCC
UCC का मुद्दा कोई आज का मुद्दा नहीं है। यह 1998 से भाजपा के घोषणा पत्र का हिस्सा है। इस मुद्दे पर बहस इस समय इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल के अपने एक जनसभा के दौरान इसका जिक्र किया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जब दो कानून से एक परिवार नहीं चल सकता तो देश कैसे चल सकता है।
UCC का मुद्दा कोई आज का मुद्दा नहीं है। यह 1998 से भाजपा के घोषणा पत्र का हिस्सा है। इस मुद्दे पर बहस इस समय इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल के अपने एक जनसभा के दौरान इसका जिक्र किया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जब दो कानून से एक परिवार नहीं चल सकता तो देश कैसे चल सकता है।
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समान नागरिक संहिता में सभी धर्मों के लिए एक कानून की व्यवस्था होगी। हर धर्म का पर्सनल लॉ है, जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियों के लिए अपने-अपने कानून हैं। UCC के लागू होने से सभी धर्मों में रहने वालों लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे। UCC का अर्थ शादी, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति का अधिकार से जुड़े कानूनों को व्यवस्थित करना होगा।
समान नागरिक संहिता में सभी धर्मों के लिए एक कानून की व्यवस्था होगी। हर धर्म का पर्सनल लॉ है, जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियों के लिए अपने-अपने कानून हैं। UCC के लागू होने से सभी धर्मों में रहने वालों लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे। UCC का अर्थ शादी, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति का अधिकार से जुड़े कानूनों को व्यवस्थित करना होगा।