सेना ने चीन की गलत हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया। हरकत का मुंह तोड़ जवाब दिया। एलएसी को लेकर भारत और चीन की राय अलग-अलग है। सीमा पर शांति बेहतर द्विपक्षीय संबंधों के लिए जरूरी है। सीमा विवाद का समाधान निकालने के लिए दोनों पक्षों के बीच जारी है। दोनों देशों ने माना है कि सीमा का प्रश्न जटिल् मुद्दा है। चीन ने अभी भी भारतीय जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है।
चीन ने सीमा पर सेना की संख्या में बढ़ोतरी की है। चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में पेट्रोलिंग में बाधा डाली इसलिए हिंसक घटनाएं हुईं। पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरा देश कोरोना से जंग लड़ रहा है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हॉ हर्षवर्धन ने कहा कि बीते कुछ महीने से राज्य और केंद्र की सरकारें कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में पूरा देश मिलकर कोरोना की लड़ाई को लड़ रहा है। 7 जनवरी को WHO से सूचना को मिली थी कि चीन में कोरोना का केस मिला है। 8 जनवरी भारत सरकार इस महामारी को लेकर सक्रिय है।
चीन पर राजनाथ देंगे बयान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के साथ पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तवित नियंत्रण रेखा जारी तनातनी पर बयान दे सकते हैं। बता दें कि बुधवार को प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक में बहस को लेकर मुद्दों पर सहमति बनी थी। विपक्ष सीमा विवाद के मुद्दे पर सरकार के साथ है।
जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद पर राज्यसभा में 12 बजे बयान देंगे। उनके बयान के बाद विपक्षी दलों के नेता अपना पक्ष रखेंगे। आवश्यकता पड़ने पर रक्षा मंत्री राज्यसभा में स्पष्टीकरण दे सकते हैं।
Monsoon Session : पक्ष और विपक्ष के बीच बनी सहमति, इन मुद्दों पर दोनों पक्ष बहस के लिए तैयार यथास्थिति में बदलाव भारत को स्वीकार्य नहीं राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोक सभा में एक बयान दिया था, जिसमें कहा गया है कि बीजिंग को साफ शब्दों में बता दिया गया है कि एलएसी के साथ यथास्थिति में “एकतरफा” बदलाव करने का कोई भी प्रयास भारत को स्वीकार्य नहीं है। अगर चीन ने युद्ध की शुरुआत की तो मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना तैयार है।
चीन के साथ बातचीत जारी रक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी विवाद को लेकर चीन के साथ सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता जारी है। एलएसी पर अधिकार क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद है। इसे बातचीत के जरिए दूर करने का प्रयास जारी है।
लोकसभा की कार्यवाही कल 3 बजे तक के लिए स्थगित, सत्र के पहले दिन 2 बिल हुए पास इस बार दबाव में चीन बता दें कि भारतीय सेना ने मई और जून, 2020 में एलएसी पर चीनी सेना द्वारा सीमा बदलने के प्रयास का मुंहतोड़ जवाब दिया था। हमारी सेना ने चीन की मंशा को पहले ही भांप लिया था। यही वजह है कि ड्रैगन इस बार अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हुआ। इतना ही नहीं काला पहाड़ सहित कुछ अन्य चोटियों पर भारतीय सेना अपनी पकड़ मजबूत कर चीन को मुश्किल में डाल दिया है।
इस मुद्दे पर केंद्र का मानना है कि गलवान के बाद पैंगोग में भी सीमा को बदलने का जिस तरह से चीनी सेना ने प्रयास किया वो सामान्य घटना नहीं है।