बिहार में बेरोजगारी आंदोलन को धार देते हुए उन्होंने कहा कि जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से घबराए हुए हैं। उनकी वर्चुअल रैली पूरी तरह से फ्लॉप रही है। जेडीयू ने वर्चुअल रैली में 25 लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने का दावा किया था।
लालू के प्रभाव से डरे नीतीश लेकिन हकीकत यह है कि नीतीश कुमार की चुनावी वर्चुअल रैली को लोगों ने लाइक से ज्यादा डिसलाइक किया है। नीतीश कुमार पहले अपने काम की बात करते थे लेकिन इन दिनों केवल लालू परिवार का गीत गाते रहते हैं। बिहार के सीएम को जमीनी हकीकत का पता चल गया है। हार का डर अभी से सताने लगा है।
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा की नीतीश कुमार कहते हैं कि आज के जमाने में लालटेन का कोई काम नहीं है। मैं, उनसे पूछता हूं कि मिसाइल के युग में तीर का क्या काम है। दरअसल, लालटेन आरजेडी का चुनाव चिन्ह है जबकि तीर जेडीयू का।
कंगना के समर्थन में उतरे शिवराज के मंत्री विश्वास सारंग, Aditya Thackeray से इस्तीफा लें उद्धव तेजस्वी को बताया नकलची दूसरी तरफ नीतीश कैबिनेट में सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने तेजस्वी की लालटेन जलाओ अभियान को प्रधानमंत्री मोदी की नकल करार दिया है। नीरज कुमार ने कहा कि मोदी के दीया जलाओ कार्यक्रम में 55% बिजली की खपत में कमी आई थी। तेजस्वी के लालटेन जलाओ कार्यक्रम में केवल 1% बिजली की कमी आई है।
जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा कि नकलची कभी घोड़ा नहीं बन सकता। तेजस्वी यादव नकल करने में माहिर हैं पर उन्हें नहीं पता कि नकल के लिए भी अकल की जरूरत होती है।