नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने NDA के ज्वाइंट सेक्रेटरीज को हफ्ते में कम से कम 10 से 30 शिकायतों को व्यक्तिगत रूप से देखने और उन्हें दूर करने का लक्ष्य दिया है। इस बारे में कैबिनेट सेक्रेटरिएट से एक ऑर्डर सभी डिपार्टमेंट को भेजा गया है। खबरें यह भी हैं कि मोदी खुद हर महीने इन मामलों को रिव्यू करेंगे कि जनता की कितनी शिकायतों का निपटारा किया गया। सूत्रों के मुताबिक इसे एनडीए की छवि चमकाने का नया तरीका माना जा रहा है। एडिशनल सेक्रेटरीज को 80 और सेक्रेटरी को 40 शिकायतें- इतना ही नहीं, एडिशनल सेक्रेटरीज को 80 शिकायतों पर हुए काम के बारे में बताना होगा। सेक्रेटरीज के लिए कम से कम 40 शिकायतें एक महीने में दूर करने का टारगेट रखा गया है। सरकार ने क्यों उठाए ये कदम? पीएमओ को फीडबैक मिल रहा था कि लोगों से जुड़े मुद्दों पर डिपार्टमेंट्स सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए यह नया टारगेट ई-समीक्षा पोर्टल में एड किया गया है, जहां पीएम खुद मॉनीटर कर सकेंगे। IT बेस्ड गवर्नेंस प्लेटफॉर्म है ई समीक्षा- अगर जरूरत पड़ती है तो अलग-अलग टारगेट पर मिनिस्ट्री के परफॉर्मेंस पर सवाल भी खड़े कर सकते हैं। मालूम हो कि ई-समीक्षा एक आईटी- बेस्ड गवर्नेंस प्लेटफॉर्म है। जिससे सरकार से जुडे कामों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा सकती है। इसको टॉप प्रायोरिटी पर रखने के ऑर्डर दिए गए हैं। एक ऐसा सिस्टम जो शिकायतों को मैनेज कर सके- आमतौर पर यह मीटिंग हर महीने के आखिरी बुधवार को होती है। पीएम ने शिकायतों के निपटारे का सिस्टम बनाने को कहा था। एक अफसर के मुताबिक, जनवरी की मीटिंग में पीएम ने सभी सेक्रेटरीज को शिकायतों का मैनेजमेंट करने के लिए एक सिस्टम बनाने को कहा था। इसमें उन डिपार्टमेंट्स पर ज्यादा ध्यान देने पर जोर दिया गया, जो पब्लिक से सीधे डील करते हैं।