शौर्य डोभाल की बीजेपी में अचानक एंट्री से कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। इनमें से एक तो ये है कि बीजेपी शौर्य डोभाल को 2019 के लिए तैयार करना चाह रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले शौर्य डोभाल को बीजेपी में ज्वॉइन कराना ये संकेत देता है कि पार्टी 2019 के चुनाव में शौर्य डोभाल को चुनावी मैदान में उतार सकती है।
इसके अलावा सियासी पंडितों के गणित के अनुसार ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि शौर्य डोभाल को बीजेपी राज्यसभा भेजने पर भी विचार कर सकती है या फिर 2019 के लोकसभा चुनाव के जरिए संसद में उनकी एंट्री कराई जा सकती है। शौर्य डोभाल न सिर्फ अजीत डोभाल के बेटे हैं, बल्कि वो कई बार पीएम मोदी के कई मामलों के लिए थिंक टैंक का काम करते रहे हैं। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान वो जरूर एक बार राज्य की चौबट्टाखाल सीट से उम्मीदवा सतपाल महाराज के लिए चुनाव प्रचार करते हुए नजर आए थे।
शौर्य डोभाल का पार्टी में कद बढ़ाया जाएगा, इस बात के संकेत तो उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने दे ही दिए हैं। अजय भट्ट का कहना है कि शौर्य विदेश नीति और आर्थिक मामलों के अच्छे जानकार हैं। उनके इस ज्ञान का पार्टी उपयोग करना चाहती है। इसीलिए उन्हें कार्य समिति बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया गया। पार्टी आगे भी उनके अनुभव का लाभ लेगी।
शौर्य डोभाल मूल रूप से उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के रहने वाले हैं। उन्होंने लंदन और शिकागो से एमबीए की कंबाइन डिग्री ली है। इसके अलावा उन्होंने लंबे समय तक बैंकिंग और इंवेस्टमेंट क्षेत्र में भी काम किया है। इसके अलावा वर्ष 2014-15 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान शौर्य ने विदेशी निवेशकों से मुलाकात में बड़ी भूमिका निभाई थी और यहीं से वे चर्चाओं में आए थे। शौर्य करीब चार वर्ष से इंडिया फाउंडेशन नामक संस्था चला रहे हैं।