सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा पर सवाल उठा
इस घटना के बाद बिहार सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। SSG के हाथ पांव फूल गए। SSG के कमांडेंट और अधिकारियों को बुलाया गया। आनन-फानन में पुलिस विभाग के भी तमाम आला अफसर सीएम आवास पर पहुंचे। बाइक सवार को तत्काल प्रभाव से पकड़ा गया। उससे पूछताछ जा रही है।
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घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी राजीव मिश्रा भी मौके पर पहुंच गए थे। बाइकर्स से सचिवालय थाना में पूछताछ की जा रही है। यह पहला मौका नहीं है, जब सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक हुआ है। पटना के बख्तियारपुर में एक कार्यक्रम में युवक ने नीतीश कुमार को मुक्का जड़ दिया था।
बाइकर गैंग से परेशान हैं पटना वासी
पटना में बाइकर गैंग और बाइक पर बैठकर स्नैचिंग करने की घटना लगातार बढ़ रही है। बाइकर्स को रोकने के लिए पुलिस की तरफ से कोई इंतजाम नहीं है। जिसका नतीजा है कि इनका मनोबल बढ़ा हुआ है। मोबाइल छिनाना और चेन स्नेचिंग की घटनाएं हो रही हैं।
रिंग राउंड सिक्योरिटी में रहते हैं CM
– मुख्यमंत्री रिंग राउंड सिक्योरिटी में होते हैं। इस सुरक्षा चक्र में बिना वर्दी के सशस्त्र पुलिस अधिकारी होते हैं। कॉन्स्टेबल से लेकर DSP रैंक के अफसरी करीब 8 से 10 संख्या में होते हैं।
– इस चक्र में बिहार आर्म्ड फोर्स और जिला पुलिस के सशस्त्र जवान तैनात होते हैं। इसमें जवानों की संख्या तय नहीं होती है।
– तीसरे चक्र में जिला पुलिस तैनात रहती है। जिला पुलिस रिंग राउंड के अंदर नहीं जाती है। रिंग राउंड में प्रवेश करने वालों की भी पहले जांच होती है। इसके लिए सुरक्षा अधिकारी से अनुमति लेनी होती है।
घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी राजीव मिश्रा भी मौके पर पहुंच गए थे। बाइकर्स से सचिवालय थाना में पूछताछ की जा रही है। यह पहला मौका नहीं है, जब सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक हुआ है। पटना के बख्तियारपुर में एक कार्यक्रम में युवक ने नीतीश कुमार को मुक्का जड़ दिया था।
बाइकर गैंग से परेशान हैं पटना वासी
पटना में बाइकर गैंग और बाइक पर बैठकर स्नैचिंग करने की घटना लगातार बढ़ रही है। बाइकर्स को रोकने के लिए पुलिस की तरफ से कोई इंतजाम नहीं है। जिसका नतीजा है कि इनका मनोबल बढ़ा हुआ है। मोबाइल छिनाना और चेन स्नेचिंग की घटनाएं हो रही हैं।
रिंग राउंड सिक्योरिटी में रहते हैं CM
– मुख्यमंत्री रिंग राउंड सिक्योरिटी में होते हैं। इस सुरक्षा चक्र में बिना वर्दी के सशस्त्र पुलिस अधिकारी होते हैं। कॉन्स्टेबल से लेकर DSP रैंक के अफसरी करीब 8 से 10 संख्या में होते हैं।
– इस चक्र में बिहार आर्म्ड फोर्स और जिला पुलिस के सशस्त्र जवान तैनात होते हैं। इसमें जवानों की संख्या तय नहीं होती है।
– तीसरे चक्र में जिला पुलिस तैनात रहती है। जिला पुलिस रिंग राउंड के अंदर नहीं जाती है। रिंग राउंड में प्रवेश करने वालों की भी पहले जांच होती है। इसके लिए सुरक्षा अधिकारी से अनुमति लेनी होती है।