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कोराना वायरस की चुनौती के कारण दो सत्रों के बीच पहली बार सदन में शपथ दिलाने का निर्णय किया गया। अमूमन सभापति के चेंबर और सत्र के दौरान सदन में शपथ दिलाई जाती है। मार्च से जून के बीच कुल 61 सीटों पर राज्यसभा चुनाव कराए गए थे, जिसमें से 42 सीटों पर मार्च में ही निर्विरोध निर्वाचन हो गया था। वहीं कांटे की लड़ाई वाली कुछ सीटों पर 19 जून को चुनाव हुआ। मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, अरुणाचल, मणिपुर आदि राज्यों की खाली सीटों पर राज्यसभा चुनाव हुए।
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इस बार राज्यसभा सदस्य बने 61 नेताओं में 43 पहली बार उच्च सदन पहुंचे हैं। यह आंकड़ा 72 प्रतिशत है। कार्यकाल पूरा करने वाले 61 में से सिर्फ 12 सदस्य ही वापसी करने में सफल हुए हैं। भाजपा ने ज्यादातर नए चेहरों को इस बार चुनाव मैदान में उतारा था। कांग्रेस से भाजपा में आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने में सफल रहे। राज्यसभा में इस समय भाजपा के पास 86 सदस्य हैं। 20 राज्यों की 61 सीटों के चुनाव में बीजेपी ने कुल 11 सीटें जीतीं थीं। जिससे भाजपा का उच्च सदन में आंकड़ा 75 से 86 पर तो एनडीए का 113 तक पहुंच सका है।
एनडीए के 113 के आंकड़े में नामांकित और निर्दलीय सांसदों का समर्थन भी हासिल है। 245 सदस्यीय राज्यसभा में बहुमत के लिए 123 का आंकड़ा है। भाजपा को एनडीए से बाहर के दलों बीजेडीए वाईएसआर कांग्रेस का भी समर्थन मिलता है।