सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम को लेकर राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया दी है। रिएक्शन के जरिए नेताओं ने मोदी सरकार पर तंज कसा है।
संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई है। खास बात यह है कि इस गाइडलाइन के जारी होने के बाद राजनीतिक पारा भी हाई हो गया है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। दोनों ही नेताओं ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा।
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तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने गाइडलाइन जारी होने के बाद 14 जुलाई को ट्वीट किया है। महुआ मोइत्रा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा- ‘बैठ जाएं, बैठ जाइए, प्रेम से बोलें।
लोकसभा और राज्यसभा की नई असंसदीय शब्दों की सूची में संघी शब्द शामिल नहीं है। मूल रूप से सरकार ने विपक्ष की ओर से यूज किए गए सभी शब्दों के इस्तेमाल को रोकने के लिए यह काम किया है। किस तरह बीजेपी भारत को नष्ट कर रही है और उन पर प्रतिबंध लगा रही है।’
संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई है। खास बात यह है कि इस गाइडलाइन के जारी होने के बाद राजनीतिक पारा भी हाई हो गया है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। दोनों ही नेताओं ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा।
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तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने गाइडलाइन जारी होने के बाद 14 जुलाई को ट्वीट किया है। महुआ मोइत्रा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा- ‘बैठ जाएं, बैठ जाइए, प्रेम से बोलें।
लोकसभा और राज्यसभा की नई असंसदीय शब्दों की सूची में संघी शब्द शामिल नहीं है। मूल रूप से सरकार ने विपक्ष की ओर से यूज किए गए सभी शब्दों के इस्तेमाल को रोकने के लिए यह काम किया है। किस तरह बीजेपी भारत को नष्ट कर रही है और उन पर प्रतिबंध लगा रही है।’
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी साधा निशाना
टीएमसी सांसद के अलावा शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी नई गाइडलाइन को लेकर आपत्ति जताई है। तंज भरे लहजे में प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट के जरिए पुराने मीम का जिक्र किया। उन्होंने लिखा- ‘यह पुराना मीम याद आ गया, अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ वाह मोदी जी वाह! यह पॉपुलर मीम अब सच्चाई होती नजर आ रही है।
टीएमसी सांसद के अलावा शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी नई गाइडलाइन को लेकर आपत्ति जताई है। तंज भरे लहजे में प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट के जरिए पुराने मीम का जिक्र किया। उन्होंने लिखा- ‘यह पुराना मीम याद आ गया, अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ वाह मोदी जी वाह! यह पॉपुलर मीम अब सच्चाई होती नजर आ रही है।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुकलेट में एक लिस्ट जारी की गई है। इसके तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों की एक सूची बनाई गई है, जिन्हें लोकसभा और राज्यसभा समेत राज्यों की विधानमंडलों में असंसदीय घोषित किया गया था। इस लिस्ट में शामिल शब्दों और वाक्यों को ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया।
अब सांसद संसदीय कार्यवाही के दौरान- जुमलाजीवी, कोरोना स्प्रेडर, निकम्मा, भ्रष्ट, तानाशाही, जयचंद, शकुनि, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिट्ठू जैसे शब्दों को दोनों सदनों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
अंग्रेजी के शब्द भी शामिल
इस सूची में अंग्रेजी के शब्द ‘ashamed’, ‘abused, ‘betrayed’, ‘corrupt’, ‘drama’, ‘hypocrisy’ और ‘incompetent’ शामिल हैं।
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